कोकराझार (असम), 08 अप्रैल (हि.स.)। कोकराझार जिला सत्र न्यायालय ने दो लड़कियों के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में शुक्रवार को तीन आरोपित युवकों को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई। यह वारदात 11 जून, 2021 को कोकराझार जिला के अभयाकुटी गांव में हुई थी।
इस गांव की राभा समुदाय की दो आदिवासी किशोरियों (चचेरी बहनों) को सामूहिक दुष्कर्म के बाद मौत के घाट उतार दिया गया था। दोनों लड़कियों की जान लेने के बाद शव गांव के बाहर पेड़ पर लटका दिए गए थे। इस वारदात से पूरे राज्य में सनसनी फैल गई थी।
कोकराझार के जिला सत्र न्यायाधीश की विशेष अदालत ने इस मामले में नौ महीने तक सुनवाई के बाद आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया। मौत की सजा पाने वाले दोषियों में फरिजुल रहमान (22), मोजाम्मेल शेख (20) और नाजिबुल अली (19) शामिल हैं।
कोकराझार सदर थाने में दर्ज केस संख्या 440/21 के संबंध में विशेष अदालत के न्यायाधीश सी चतुर्वेदी ने तीनों को भारतीय दंड संहिता अधिनियम की धारा 120(बी)/302/376 (ए)/376डी(ए) आईपीसी और आर/डब्ल्यू सेक्शन 6 पोक्सो अधिनियम के साथ-साथ आर/डब्ल्यू सेक्शन 3(1)(डब्ल्यू)/3(2)(5) एससी/एसटी रोकथाम अधिनियम 1981 अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई।
अभयाकुटी कोकराझार जिले का सुदूरवर्ती गांव है। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने वारदात के बाद पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का भरोसा दिलाया था। साथ ही विशेष जांच इकाई का गठन कर तत्काल जांच का आश्वासन दिया था।
विशेष एडीजीपी और बीटीएडी के आईजीपी एलआर बिश्नोई ने इस फैसले के बाद मीडिया से बातचीत में कहा है कि अदालत ने हत्याकांड की जांच के लिए कोकराझार पुलिस का धन्यवाद किया है।