नई दिल्ली, 06 अप्रैल (हि.स.)। स्वस्थ शरीर सुखी जीवन का आधार होता है। यह कहावत समाज में स्वास्थ्य के महत्व को दर्शाती है कि अगर जीवन में धन की हानि हो गई तो वो फिर भी आ सकती है, लेकिन अगर स्वास्थ्य खराब हो गया तो सब कुछ चला जाता है। स्वस्थ व्यक्ति ही जीवन का आनंद लेने के साथ सामाजिक एवं पारिवारिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन कुशलतापूर्वक कर सकता है और एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए आयुष्मान भारत योजना- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) की शुरुआत की। पिछले चार सालों में करीब 17 करोड़ लोगों को इस योजना के तहत जोड़ा जा चुका है। पिछले एक साल में पांच करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड दिया गया है। इस योजना को गति देने के लिए अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण घर-घर जाकर लाभार्थियों को आयुष्मान गोल्ड कार्ड देने की शुरुआत कर रहा है। पिछले चार वर्षों में इस योजना के सफर समेत तमाम बिंदुओं पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आरएस शर्मा ने हिन्दुस्थान समाचार से खास बात की। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश-
प्रश्न- आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई के तहत पिछले चार वर्षों में कितना काम हुआ है?
उत्तर- आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। पिछले एक साल में हमने 5 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य कार्ड बना कर दिया है। देश के कोने-कोने से लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है। आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी निजी अस्पताल में जाकर कैशलैस इलाज की सुविधा ले रहे हैं। चूंकि पांच सालों में 50 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है इसलिए इसमें तेजी लाने के लिए योजनाएं बनाई गईं हैं। आने वाले एक साल में तरीबन 47 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड दे दिया जाएगा।
प्रश्न- अबतक कितने लोगों को आयुष्मान कार्ड दिया जा चुका है। भविष्य में इसे गति देने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण क्या कदम उठा रहा है?
उत्तर- आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई के तहत अबतक 17 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड दिए जा चुके हैं। इस योजना के तहत अगले एक साल में 30 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड देने का लक्ष्य रखा गया है। यह कार्ड नि:शुल्क है लेकिन प्रिटिंग कीमत 20 रुपये देने होते हैं। देश की इतनी बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना से अबतक लाखों लोग लाभान्वित हो चुके हैं। गरीब लोग भी कैंसर, दिल के रोग से संबंधित कई गंभीर बीमारियों का इलाज निजी अस्पतालों में करवा रहे हैं। इस योजना के तहत 1600 से ज्यादा बीमारियों का इलाज नि:शुल्क किया जा रहा है।
प्रश्न- इस योजना के तहत कितनी बीमारियों के इलाज की व्यवस्था है?
उत्तर- अस्पताल मनमाने तरीके से वसूली न कर सकें और लागत नियंत्रण रखा जा सके इसके लिए इलाज संबंधी दरें तय किए गए हैं। ये पैकेज रेट सरकार ने पहले ही तय कर दिये हैं। आयुष्मान भारत योजना के रेट में इलाज संबंधी सभी तरह के (दवाई, जांच, ट्रांसपोर्ट, इलाज पूर्व, इलाज पश्चात के खर्चे) व्यय शामिल होंगे। इसके तहत 1670 बीमारियों के इलाज शामिल हैं।
प्रश्न – कितने अस्पताल शामिल किए गए हैं। इनमें से कितने निजी हैं?
उत्तर- आयुष्मान भारत के तहत देशभर में 25,800 से ज्यादा सरकारी और निजी अस्पतालों को जोड़ा गया है। इनमें से 10,700 से ज्यादा निजी अस्पताल हैं और 15,100 से ज्यादा सरकारी अस्पताल हैं।
प्रश्न- आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई को तेज गति देने के लिए क्या कुछ कदम उठाए जा रहे हैं?
उत्तर- राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण आपके द्वार आयुष्मान योजना की शुरुआत करने जा रहा है। इसके तहत पूरे देश समेत असम, बिहार, गुजरात और उत्तरप्रदेश में कैंपेन लॉन्च किया जा रहा है। देशभर में बनाए गए एक लाख आयुष्मान मित्रों की मदद से आपके द्वार आयुष्मान योजना के लक्ष्य को तेज गति से पूरा किया जा रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सभी लोगों को उनके घर पर ही स्वास्थ्य कार्ड दिया जा रहा है। इसके लिए सभी 33 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कार्ड प्रिंटिंग का काम शुरू करने को कह दिया गया है। लाभार्थियों को चिह्नित कर उन्हें उनके घर पर ही कार्ड पहुंचाने के लिए आयुष्मान मित्र का सहारा लिया जा रहा है। यही नहीं जिन लाभार्थियों का नाम सूची में नहीं है उनको भी आयुष्मान मित्र सहायता कर रहे हैं। इसके अलावा इस काम के लिए तैयार किए गए आई प्लेटफार्म में बदलाव किए गए हैं ताकि कार्ड बनाने का काम तेजी से किया जा सके। सभी राज्यों को इस बारे में निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे अपने राज्यों में कार्ड बनवाने का काम तेजी से शुरू कर दें।
प्रश्न- आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में कुछ दिक्कतें भी आ रही हैं?
उत्तर- किसी भी योजना को धरातल पर उतारने और उसके क्रियान्वयन में चुनौतियां तो रहती ही हैं। सबसे बड़ी चुनौती पूरे देश में इसी साल 30 करोड़ लोगों तक कार्ड पहुंचाने की है। इसके लिए आपके द्वारा आयुष्मान योजना लॉन्च की जा रही है। इसके लिए बड़े पैमाने पर डिजीटल माध्यम का सहारा लिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों और कस्बों के साथ शहरी क्षेत्रों में आयुष्मान मित्र बनाए गए हैं जो लोगों को आ रही परेशानियों का समाधान करने के लिए प्रशासन के बीच पुल का काम कर रहे हैं। कार्ड तैयार करने के लिए प्रशासनिक लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि तय समय पर लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
प्रश्न- दिल्ली, ओडिशा और पश्चिम बंगाल ने आयुष्मान भारत योजना को लागू नहीं किया है। इस बारे में क्या कहेंगे?
उत्तर- आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई योजना केन्द्र सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना पर केन्द्र सरकार 60 प्रतिशत खर्च का भुगतान करती है और राज्यों की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत की है। 33 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों ने तो इसे लागू कर दिया है लेकिन दिल्ली, ओडिशा और पश्चिम बंगाल ने अभी तक इसे लागू नहीं किया है। उन राज्यों में भी लोगों को इस योजना का लाभ मिलना चाहिए। वहां की सरकारों को आयुष्मान भारत योजना को अपनाना चाहिए।
प्रश्न- पीएमजेएवाई के तहत किन राज्यों में कार्ड जारी करने का काम तेजी से हो रहा है?
उत्तर- मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ राज्य तेजी से काम कर रहे हैं। इन राज्यों में एक करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। कुछ राज्यों में काम धीमी गति से चल रहा है। उन्हें इस काम में तेजी लाने को कहा गया है। सभी राज्यों के साथ बैठकें की जा चुकी हैं। चूंकि इस बार 30 करोड़ कार्ड बनाने और वितरण का लक्ष्य रखा गया है इसलिए राज्यों को काम में तेजी लाने को कहा गया है।