इस्लामाबाद, 03 अप्रैल (हि.स.)। पाकिस्तान में रविवार को नेशनल असेंबली में हुए उठापटक के बाद राजनीतिक अस्थितरता के साथ कयास और आरोपों का दौर तेज हो गया है। पाकिस्तानी संसद को भंग करने के साथ अगले 3 माह में चुनाव कराने की पीएम इमरान खान की सिफारिश को राष्ट्रपति की मंजूरी को विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने उच्च स्तर का राजद्रोह करार दिया है।
शहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान ने देश को अराजकता में धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि नियाजी और उनके साथियों को मुक्त नहीं होने दिया जाएगा। साथ ही शहबाज ने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट संविधान को बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाएगा।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल-भुट्टो जरदारी ने कहा कि सरकार ने अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं होने देकर संविधान का उल्लंघन किया है। उन्होंने भी कोर्ट व सभी न्यायिक संस्थानों से पाकिस्तान के संविधान की रक्षा करने, उसे बनाए रखने, बचाव करने और उसे लागू करने का आह्वान किया।
पीपीपी के मुस्तफा नवाज खोखर ने सरकार के इस कदम को संविधान और नियमों का घोर उल्लंघन करार दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट केवल दर्शक बनकर नहीं बैठ सकता और न ही बैठना चाहिए। चीफ जस्टिस को तुरंत बेंच के पास ले जाना चाहिए और देश को संवैधानिक संकट से बचाना चाहिए।