नई दिल्ली, 01 अप्रैल (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता और उसके वकील के साथ हुए सड़क हादसे में साजिश रचने के मामले में रायबरेली के एआरटीओ को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने एआरटीओ को 17 मई को तलब किया है।
21 दिसंबर, 2021 को कुलदीप सिंह सेंगर ने सड़क हादसे में साजिश रचने के आरोपों से मुक्त होने के बाद बेल बांड भरा था। कुलदीप सिंह सेंगर, कोमल सिंह , अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह उर्फ प्रखर सिंह और अवधेश सिंह ने दस-दस हजार रुपये का बेल बांड भरा। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने इस मामले के बाकी आरोपितों के सांसद या विधायक नहीं होने की स्थिति में इस केस को दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट में भेजा था। इन आरोपितों को कोर्ट ने 20 दिसंबर को आरोपों से मुक्त कर दिया था। कोर्ट ने इस मामले के आरोपित आशीष कुमार पाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 338, 304-ए के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था । कोर्ट ने आरोपितों विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह और नवीन सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506(2) और 34 के तहत आरोप तय किया था।
जुलाई 2019 में एक ट्रक ने उन्नाव रेप पीड़िता, उसके परिजनों और उसके वकील को लेकर जा रही कार को टक्कर मार दी थी। उस हादसे में रेप पीड़िता के दो परिजनों की मौत हो गई थी। इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत 12 लोगों को इस हादसे की साजिश रचने का आरोपित बनाया गया। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि इस हादसे में किसी भी आपराधिक साजिश का साक्ष्य नहीं मिला है।
उल्लेखनीय है कि 20 दिसंबर, 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है।