रांची, 01 अप्रैल (हि.स.)। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने शुक्रवार को प्रेस क्लब में राजीव होम्योपैथिक क्लिनिक और वाइबीएन यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ऑटिज्म जागरुकता कार्यक्रम में कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय शिक्षा मंत्री से सीबीएसई बोर्ड के मानदंडों के अनुसार विशेष शिक्षकों की भर्ती करने का आग्रह करेगा, ताकि ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ने में मदद मिल सके।
उन्होंने कहा कि नए नवाचारों और प्रौद्योगिकी की मदद से हम स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। झारखंड को कुपोषण मुक्त राज्य बनाने के लिए भी काम कर रहे हैं, ताकि गर्भवती महिलाएं और बच्चे स्वस्थ रहें। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को फिजियोथेरेपी देने के साथ ही उन्हें अन्य बच्चों की तरह नॉर्मल बनाने के लिए हम प्रयास करें और सफल भी होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी हॉस्पिटल में एनजीओ की मदद से ऑटिज्म वाले बच्चों के इलाज के इंतजाम भी किये जायेंगे।
कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचीं मोना गुप्ता ने कहा कि ऑटिज्म पीड़ित उनका बच्चा तीन साल पूरे होने के बाद भी नहीं बोल पाता था। शब्दों पर ध्यान नहीं देता था। मैं उसे कई अलग-अलग अस्पतालों में ले गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अंत में मैंने खुद सीखा कि उन्हें फिजियोथेरेपी कैसे देना है और उन्हें व्यायाम कराना शुरू कर दिया। इससे बहुत मदद मिली है। वर्तमान में मेरा बच्चा सात साल का है और पिछले चार वर्षों में उसमें 50 प्रतिशत सुधार हुआ है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह, वाइबीएन यूनिवर्सिटी के चेयरमैन रामजी यादव, राजीव होम्योपैथिक के डॉ. राजीव कुमार, संतोष टीचर ट्रेनिंग कॉलेज की डायरेक्टर, रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्रा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।