नई दिल्ली, 1 अप्रैल (हि.स.)। भारत की अनुभवी खिलाड़ी सुशीला चानू ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका के पोचेफस्ट्रूम में आगामी एफआईएच हॉकी महिला जूनियर विश्व कप में वर्तमान भारतीय जूनियर महिला टीम स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार है।
हॉकी इंडिया पॉडकास्ट हॉकी ते चर्चा में, चानू ने कहा, “यह वास्तव में एक चुस्त-दुरुस्त टीम है, जो मैदान पर और मैदान के बाहर भी एक-दूसरे के बीच उत्कृष्ट समझ रखती है। उन्होंने वास्तव में लंबे समय तक एक समूह के रूप में एक साथ प्रशिक्षण लिया है, और यहां तक कि साई बेंगलुरु और भुवनेश्वर में राष्ट्रीय शिविर में सीनियर महिला टीम के खिलाफ अभ्यास मैच भी खेले हैं जिसमें उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। समूह में ऐसे खिलाड़ी भी शामिल हैं जिन्होंने ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर सीनियर टीम का प्रतिनिधित्व किया है। इन कारणों ने मुझे विश्वास दिलाया कि भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम आगामी विश्व कप में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार है।”
सुशीला ने उस समय को याद किया, जब उन्होंने जर्मनी के मोनचेंग्लादबाक में 2013 के महिला हॉकी जूनियर विश्व कप के दौरान भारतीय टीम की कप्तानी की थी। भारतीय टीम ने उस प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल किया था।
सुशीला ने कहा, “उस जूनियर विश्व कप अभियान के दौरान हम बहुत छोटे और लापरवाह थे, लेकिन हम में से हर एक ने व्यक्तिगत रूप से और एक टीम के रूप में अपने कौशल में सुधार करने के लिए एक मंच के रूप में उस प्रतियोगिता का उपयोग करने पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित किया था। उस समय टीम के भीतर हमारा संचार मजबूत था। जूनियर विश्व कप में हमारी सफलता के पीछे यह एक प्रमुख कारण था।”
भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम ने विश्व कप कांस्य पदक प्लेऑफ मैच में पेनल्टी शूटआउट में इंग्लैंड को मात देकर कांस्य पदक हासिल किया था।
2013 विश्व कप में कांस्य पदक जीतने को लेकर सुशीला ने कहा, “वह पदक जीतना मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि थी। मैं उस खेल और उस पल को कभी नहीं भूलूंगी, जब हमने जीत हासिल की थी। पेनल्टी शूटआउट चल रहा था, और टीम में सभी लोग पिच के बीच में एक साथ बैठे थे और हम सब एक साथ प्रार्थना कर रहे थे। उस दिन मैच जीतने के बाद हम सभी बहुत खुश थे। वह अभियान वास्तव में अविस्मरणीय था।”