नई दिल्ली, 31 मार्च (हि.स.)। सरकार का राजकोषीय घाटा फरवरी, 2022 के अंत तक वित्त वर्ष 2021-22 के बजट लक्ष्य का 82.7 फीसदी रहा है। सरकार का राजकोषीय घाटा खर्च बढ़ने की वजह से ऊंचा रहा है। लेखा महानियंत्रक की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में सरकार का राजकोषीय घाटा 82.7 फीसदी रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की समान अवधि में राजकोषीय घाटा यानी व्यय और राजस्व के बीच का अंतर संशोधित अनुमान (आरई) का 76 फीसदी रहा था।
सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक निरपेक्ष रूप से फरवरी, 2022 के अंत तक सरकार का राजकोषीय घाटा 13,16,595 करोड़ रुपये रहा है। लेखा महानियंत्रक के अनुसार सरकार की राजस्व प्राप्तियां वित्त वर्ष 2021-22 के बजट के संशोधित अनुमान का 18.27 लाख करोड़ रुपये यानी 83.9 फीसदी रही है, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 की समान अवधि में यह 88.2 फीसदी थी।
आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में सरकार का कुल व्यय संशोधित अनुमान का 83.4 फीसदी यानी 31.43 लाख करोड़ रुपये रहा। हालांकि, इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह संशोधित अनुमान का 81.7 फीसदी था। उल्लेखनीय है कि सरकार का लक्ष्य 31 मार्च, 2022 को समाप्त हो रहे चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.8 फीसदी यानी 7.1 लाख करोड़ रुपये पर सीमित रखने का है।