लखनऊ, 31 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भ्रष्टाचार और विधानसभा चुनाव में लापरवाही बरतने के आरोप पर सोनभद्र के जिलाधिकारी टीके शिबू को निलंबित कर दिया है। निलंबन के दौरान उन्हें राजस्व परिषद कार्यालय लखनऊ से सम्बद्ध कर दिया गया है। शासन ने पूरे मामले की जांच वाराणसी मंडल के आयुक्त को सौंपी है।
नियुक्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने टीके शिबू के निलंबन का आदेश जारी करते हुए गुरुवार को बताया कि जिलाधिकारी सोनभद्र टीके शिबू के खिलाफ शासन के संज्ञान में लगातार खनन, जिला न्यास समिति और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में उनके द्वारा गंभीर लापरवाही बरती गई। आरोप है कि पोस्टल बैलेट पेपर सील नहीं किये गये जिसके कारण पूरे जिले का मतदान निरस्त करने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
निलंबन आदेश में कहा गया कि जिलाधिकारी सोनभद्र टीके शिबू के खिलाफ लगे आरोपों की जांच मीरजापुर के मंडलायुक्त से कराई गई तो प्रथमदृष्टया वह दोषी पाये गये। इसके बाद शासन ने टीके शिबू को निलंबित कर दिया। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई है। यह जांच वाराणसी के मंडलायुक्त को सौंपी गई है। निलंबन के बाद टीके शिबू को लखनऊ स्थित राजस्व परिषद कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है। हालांकि शासन ने सोनभद्र में किसी नए जिलाधिकारी की नियुक्ति अभी नहीं की है।