देहरादून, 29 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंबे इंतजार के बाद अपने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया है। गृह, सूचना और राजस्व के साथ सहित मुख्यमंत्री ने 21 विभाग अपने पास रखे हैं। इसके साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल को वित्त, सतपाल महाराज को पर्यटन और सुबोध उनियाल को वन मंत्रालाय दिया गया है।
मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री ने मंत्रियों के विभागों का बंटावारा की सूची जारी कर दी। मुख्यमंत्री ने कार्मिक एवं सतर्कता, सचिवालय प्रशासन, सामान्य प्रशासन, नियोजन, राज्य सम्पत्ति, सूचना, गृह, राजस्व, औद्योगिक विकास खनन, श्रम, सूचना प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी, पेयजल, ऊर्जा, आयुष एवं आयुष शिक्षा, आबकारी, न्याय पर्यावरण संरक्षण एवंं जलवायु परिवर्तन, आपदा प्रबंधन और पुनर्वास, नागरिक उडड्यन जैसे महत्वपूर्ण विभाग स्वयं अपने पास रखे हैं। मंत्री सतपाल महाराज को सात विभाग दिए गए हैं। इनमे से अधिकत महाराज के पहले से थे। उनके पास लोक निर्माण विभाग, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति, धर्मस्व, पर्यटन, जलागम प्रबंधन के भारत-नेपाल उत्तराखण्ड नदी परियोजना के विभाग मिले हैं। मंत्रिमंडल के कार्य बंटवारा सूची के अनुसार प्रेमचंद अग्रवाल को वित्त, शहरी विकास आवास, विधायी एवं संसदीय कार्य, पुनगर्ठन, जनगणना विभाग मिला है। गणेश जोशी को तीन विभाग के कुल नौ विषय मिले है। उनके पास कृषि एवं कृषक कल्याण, सैनिक कल्याण और ग्राम्य विकास विभाग रहेगा। डॉ. धन सिंह रावत को कुल छह विभाग मिले हैं। उनहें नए मंत्रालय में विद्यालयी शिक्षा (बेसिक) और माध्यमिक, संस्कृत शिक्षा मिला है। इसके साथ ही पुराने मंत्रालय में सहकारिता, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा भी है। सुबोध उनियाल से पुराने मंत्रालय बदलकर वन के साथ ही भाषा, निर्वाचन, तकनीकी शिक्षा विभाग रहेंगे।
रेखा आर्या को तीन विभाग के साथ चार विषय मिले हैं। पहले से महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास के साथ अब खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के अलावा खेल एवं युवा कल्याण जैसे महत्वपूर्ण विभाग मिले हैं। चंदनराम दास को कुल चार विभाग के 6 विषय आवंटित हुए है। इनमें समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, परिवहन, लघु एवं सूक्ष्म उद्यम शामिल हैं। मंत्री सौरभ बहुगुणा को चार विभाग के कुल 6 विषय मिले हैं। इनमें पशुपालन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य पालन, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, प्रोटोकॉल के साथ कौशल विकास एवं सेवावायोजन मंत्रालय मिला है।