नई दिल्ली, 29 मार्च (हि.स.)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले पर सीबीआई और ईडी की ओर से दाखिल केस में आरोपित कार्ति चिदंबरम की विदेश जाने की अनुमति दे दी है। मंगलवा को स्पेशल जज एमके नागपाल ने यह आदेश जारी किया है।
मंगलवार को पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम ने अपनी नियमित जमानत का बेल बांड दाखिल किया, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। पिछले 28 मार्च को कार्ति की विदेश जाने की अनुमति देने की मांग पर कोर्ट ने सीबीआई और ईडी को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। कार्ति चिदंबरम की ओर से वकील अक्षत गुप्ता ने कहा कि कार्ति को एक अप्रैल से विदेश यात्रा पर जाना है।
कोर्ट ने 23 मार्च को पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर नियमित जमानत दी थी। दोनों इस मामले में अग्रिम जमानत पर चल रहे थे। 20 दिसंबर 2021 को कोर्ट ने दोनों को इस मामले में नियमित जमानत याचिका दायर करने का निर्देश दिया था। 27 नवंबर को कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से आरोपितों के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था।
ईडी के केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम आरोपित हैं। इनके अलावा मेसर्स पद्मा भास्कर रमन, मेसर्स एडवांटेजेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स चेस मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है। वहीं सीबीआई की ओर से दाखिल केस में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम के अलावा अशोक कुमार झा, कुमार संजय कृष्णा, दीपक कुमार सिंह, राम शरण, ए पलनिअप्पन, मेसर्स ऐस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क्स पीएलसी, मेसर्स मैक्सिस मोबाइल एसडीएन बीएचडी, मेसर्स भूमि अरमादा बेरहाद, भूमि अरमादा नेविगेशन एसडीएन बीएचडी, टी आनंद कृष्णन, अगस्तस राल्फ मार्शल, मेसर्स एडवांटेज स्ट्रेटैजिक कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड, एस भास्करन और वी श्रीनिवासन शामिल हैं।
कोर्ट ने 5 सितंबर 2019 को इस मामले की सुनवाई करने वाले तत्कालीन जज ओपी सैनी ने एयरसेल मैक्सिस डील मामले में पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दे दी थी। उसके बाद 6 सितंबर 2019 को जज ओपी सैनी ने इस मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था।