नई दिल्ली, 28 मार्च (हि.स.)। एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना के तहत माधवपुर मेला इस बार आकर्षण का केन्द्र रहेगा। संस्कृति मंत्रालय इस मेले को और खास बनाने में जुट गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में गुजरात के पोरबंदर के प्रसिद्ध माधवपुर मेले का जिक्र किया था। गुजरात में लगने वाला माधवपुर मेला गुजरात की संस्कृति व परंपरा की पहचान है। यह मेला हर साल आयोजित होता है। इसमें आठ राज्य शामिल होते हैं, जिससे इस मेले की भव्यता देखते ही बनती है। मेले में तमाम प्रकार के झूलों के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम इस मेले की शोभा को बढ़ाने का काम करते हैं।
क्या खास है माधवपुर मेले में
मान्यताओं के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण – रुक्मिणी को उनके महल से स्वयंवर के दौरान हरण कर लाए थे। इसके बाद गुजरात के पोरबंदर जिले के माधवपुर गढ़ में रुक्मिणी और भगवान श्रीकृष्ण ने विवाह किया था। तबसे यह स्थान श्रीकृष्ण- रुक्मिणी के नाम से प्रसिद्ध हो गया। प्रतिवर्ष यहां पर भगवान के प्रतीक रूप की पूजा के अवसर पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है।
राम नवमी से लेकर पांच दिनों तक चलता है मेला
गुजरात में माधवपुर मेले की शुरुआत चैत्र नवरात्रि की रामनवमी से होती है। इसके बाद यह अगले पांच दिनों तक चलता है। यह मेला माधवपुर के माधवराज जी के मध्यकालीन मंदिरों से जुड़ा हुआ है। मेले में रंगबिरंगे रथों को बहुत ही आकर्षक ढंग से सजाया जाता है। रथ पर भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा रखी जाती है। इसके बाद इस रथ को पूरे गांव में घुमाया जाता है। इसके बाद रुक्मिणी-श्रीकृष्ण का विवाह सम्पन्न कराया जाता है। इस मेले को देखने के लिए देश के दूरदराज से बड़ी संख्या में लोग आते हैं और इस भव्य मेले के गवाह बनते हैं।
अरुणाचल प्रदेश की मिश्मी जनजाति से भी संबंध रखता है माधवपुर मेला
गुजरात का माधवपुर मेला अरुणाचल प्रदेश के मिश्मी जनजाति से संबंध रखता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी रुक्मिणी भी इसी जनजाति से थीं। महाभारत काल से ही इस जनजाति का महत्व है। मिश्मी जनजाति के लोग पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा भीष्मक और बेटी रुक्मिणी- कृष्ण के वंश से संबंधित है।
अरुणाचल प्रदेश व गुजरात के बीच अमर यात्रा के नाम से प्रसिद्ध है कथा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रूक्मिणी अपने पिता भीष्मक के साथ अरुणाचल प्रदेश में रहती थीं। जब उन्होंने बेटी के स्वयंवर का आयोजन किया तो रुक्मिणी के भाई रुक्मण ने बहन की शादी श्री कृष्ण के साथ होने का विरोध किया। इसके फलस्वरूप भगवान श्रीकृष्ण अरुणाचल प्रदेश में चल रहे स्वयंवर से रुक्मिणी को गुजरात ले आये थे। रुक्मिणी हरण की इस यात्रा को अमर यात्रा के नाम से ख्याति मिली। आज भी इसका उल्लेख कालिका पुराण में मिलता है।
क्या है एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना
एक भारत श्रेष्ठ भारत की घोषणा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर, 2015 को सरदार वल्लभभाई पटेल की 140 वीं जयंती के अवसर पर की थी। इसके बाद, वित्त मंत्री ने 2016-17 के अपने बजट भाषण में पहल की घोषणा की। इस अभिनव योजना के माध्यम से, विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की संस्कृति, परंपराओं और प्रथाओं के ज्ञान से राज्यों के बीच एक बढ़ी हुई समझ और संबंधों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत की एकता और अखंडता मजबूत होगी। कार्यक्रम के अनुसार, प्रत्येक वर्ष, प्रत्येक राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश को लोगों के बीच पारस्परिक संपर्क के लिए भारत में किसी अन्य राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश के साथ जोड़ा जाता है। यह परिकल्पना की गई है कि इस आदान-प्रदान के माध्यम से विभिन्न राज्यों की भाषा, संस्कृति, परंपराओं और प्रथाओं का ज्ञान एक दूसरे के बीच एक बढ़ी हुई समझ और बंधन को जन्म देगा, जिससे भारत की एकता और अखंडता मजबूत होगी।