रांची, 28 मार्च (हि.स.)। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा ने सोमवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री सह विधायक बंधु तिर्की को दोषी पाते हुए तीन साल की सजा सुनायी है। साथ ही अदालत ने तीन लाख का जुर्माना भी लगाया है। इसके साथ ही बंधु तिर्की की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो जाएगी। इसका कारण जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत दो साल या उससे अधिक सजा होने पर सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है । सीबीआई के वरीय लोक अभियोजक बृजेश कुमार यादव ने बताया कि बंधु तिर्की को धारा 13(2) सहपठित 13(1)(ई) पीसी एक्ट के तहत सजा दी गयी है। इसके बाद बंधु तिर्की की ओर से 25-25 हजार के दो निजी मुचलके पर उन्हें अदालत ने रिहा कर दिया।
ऊपरी अदालत में अपील करेंगे
वहीं, दूसरी ओर बंधु तिर्की ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि तीन धाराओं में जो सजा मिली है उसको लेकर वो ऊपरी अदालत में अपील पर जाएंगे। उन्होंने कहा कि अदालत से जो भी फैसला आया है, वो उसका सम्मान करते हैं। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता शंभू अग्रवाल ने कहा कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की को सजा सुनाई गयी है। उन तमाम बिंदुओं का अध्ययन करने के बाद वो झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
उल्लेखनीय है कि बंधु तिर्की पर आय से छह लाख 28 हजार 698 रुपये से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप था। मामले में सीबीआई की ओर से 21 गवाही एवं बंधु तिर्की की ओर से आठ गवाहों को प्रस्तुत किया गया था। वहीं दूसरी ओर से आय से अधिक सपंत्ति मामले में विधायक भानु प्रताप शाही कोर्ट में उपस्थित हुए।
बताया गया कि सबसे बड़ी बात इसमें यह है कि सीबीआई के जांच अधिकारी ने इस मामले में मुकदमा नहीं चलाने को लेकर क्लोजर रिपोर्ट दिया था। इसमें कहा गया था कि बंधु तिर्की पर आय से अधिक संपत्ति का मामला नहीं बन रहा है क्योंकि उसने उन्होंने सिर्फ अपने आय से 10 प्रतिशत ही अधिक संपत्ति अर्जित की है। जबकि सीबीआई कोर्ट ने इसे नकारते हुए जब अपने स्तर से इसकी जांच की तो पाया कि बंधु तिर्की ने 10 नहीं बल्कि 30 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की है । दाखिल क्लोजर रिपोर्ट को रद्द करते हुए कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मुकदमा चलाने का आदेश पारित किया था। इसमें आज सजा सुनाई गई। इस मामले में पहले एसीबी ने केस दर्ज किया गया था। इसके बाद सीबीआई ने 2010 में बंधु तिर्की पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया था। इस मामले में सूचक सामाजिक कार्यकर्ता राजीव शर्मा हैं। इन्होंने 2009 में निगरानी कोर्ट में शिकायतवाद दाखिल किया था। निगरानी कोर्ट ने एक जुलाई 2009 को जांच का आदेश दिया था। 2010 में पहले एसीबी में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद विधायक बंधु तिर्की पर आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआई ने एक अगस्त 2010 को (आरसी-5 ए/ 2010) केस दर्ज किया था।
बंधु तिर्की की विधानसभा की सदस्यता समाप्त: सरयू राय
वहीं, दूसरी ओर झारखंड के वरिष्ठ नेता सह विधायक सरयू राय ने बताया कि बंधु तिर्की को तीन साल की सजा मिलने पर उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो जायेगी। उन्होंने कहा कि दो साल से ज्यादा सजा होने पर विधानसभा की सदस्यता खत्म हो जाती है। सरयू राय हिन्दुस्थान समाचार से विशेष बातचीत में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इसका कारण जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत दो साल या उससे अधिक सजा होने पर सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है ।