ब्रसेल्स, 25 मार्च (हि.स.)। उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने साफ कर दिया है कि वह रूस-यूक्रेन युद्ध में सीधे तौर पर शामिल नहीं होगा। बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की मौजूदगी में नाटो, यूरोपीय यूनियन और जी 7 देशों की महत्वपूर्ण बैठकों यह निर्णय लिया गया।
नाटो महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि 30 देशों के संगठन को रूस से कोई खतरा नहीं है लेकिन सतर्कता के चलते रूस के पास के सदस्य देशों- बुल्गारिया, हंगरी, रोमानिया और स्लोवेनिया में लड़ाकू सैन्य दस्तों की तैनाती की जाएगी।
यूक्रेन को अधिक मदद, रूस पर और प्रतिबंध
अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंधों का दायरा और बढ़ाने और यूक्रेन को अतिरिक्त सहायता ऐलान किया है। अमेरिका यूक्रेन से पलायन करने वाले एक लाख लोगों को अपना वीजा देकर उन्हें जीवन यापन में मदद देगा। इसके अतिरिक्त यूक्रेन को एक अरब डालर (करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये) की मानवीय सहायता दी जाएगी। सैन्य मदद इसके अतिरिक्त होगी। अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो ने यूक्रेन की सैन्य आपूर्ति बढ़ाने का भी फैसला किया है।
इससे पहले यूक्रेन युद्ध में सीधे दखल से नाटो ने पहले ही इन्कार कर दिया था। एक महीने के युद्ध के बाद गठबंधन ने इस बात को गुरुवार को फिर दोहराया। राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, यूक्रेन को आत्मरक्षा का अधिकार है। इसलिए हम उसे समर्थन देना जारी रखेंगे और उसकी मदद बढ़ाएंगे।
जेलेंस्की ने मांगा सहयोग
नाटो सम्मेलन में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ युद्ध में दुनिया के लोगों का सहयोग मांगा। जेलेंसकी ने कहा कि अपने घर-कार्यालयों से निकलकर लोग नजदीक के चौराहे-गलियों के नुक्कड़ पर एकत्रित हों और यूक्रेन के समर्थन का एलान करें। यूक्रेन जो लड़ाई लड़ रहा है, वह स्वतंत्रता और शांति की लड़ाई है। इस दौरान जेलेंस्की ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और नाटो के सदस्य देशों से ज्यादा सैन्य सहायता और समर्थन की मांग की।
इससे पहले जेलेंस्की ने स्वीडन की संसद को संबोधित करते हुए यूरोपीय यूनियन की सदस्यता के दावे को इसलिए भी जरूरी बताया कि वह पूरे यूरोप की सुरक्षा के लिए रूसी हमले का मुकाबला कर रहे हैं। वह और उनके देश की जनता स्वतंत्रता, सुरक्षा और विकास के लिए यूरोप से जुड़ना चाहती है।