शिलांग, 24 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गुरुवार को मेघालय की राजधानी शिलांग में असम राइफल्स के 187वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया। राय ने देश के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। समारोह में असम राइफल्स के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर, वरिष्ठ अधिकारी और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशभर से असम राइफल्स के अधिकारी, जवान और उनके परिजन भी शामिल हुए।
अपने सम्बोधन में राय ने असम राइफल्स के 1835 में स्थापना और इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर एवं जम्मू और कश्मीर के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में शांति और सद्भावना बनाये रखने तथा मादक पदार्थों की तस्करी रोकने में असम राइफल्स ने अहम योगदान दिया है।
नित्यानंद राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा देशहित के साथ-साथ देश के सुरक्षा बलों के हितों को सर्वोपरि रखा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने देश के सुरक्षा बलों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। गृह मंत्री अमित शाह का कथन है कि असम राइफल्स पूर्वोत्तर का प्रहरी और वीरता एवं साहस के समृद्ध इतिहास के साथ देश का सबसे पुराना अर्द्धसैनिक बल है। राय ने कहा कि गृह मंत्रालय ने पांच अतिरिक्त बटालियनों के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है ताकि फील्ड पोस्टिंग के बाद जवानों को अनुकूल वातावरण में परिवार के साथ रहने का अवसर मिल सके।
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि बल के संरचनात्मक परिचालन और कार्य क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से भर्ती और संवर्ग समीक्षा (कैडर रिव्यू) पर सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। उन्होने कहा कि हमारा सार्थक प्रयास रहेगा कि शीघ्र ही इसे मूर्त रूप प्रदान किया जाये। पिछली संवर्ग समीक्षा 2003 में की गई थी, नई संवर्ग समीक्षा से वर्तमान समय की आवश्यकता को पूरा करने और संगठनात्मक दक्षता में सुधार करने में मदद करेगी। राय ने कहा कि असम राइफल्स के आधुनिकीकरण की योजना को भी मंजूरी दे दी गई है और इस समय यह कार्यान्वयन के चरण में है। यह एक दूरदर्शी कदम है जो बल को सौंपे गए कार्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही इससे अत्याधुनिक हथियार, संचार, निगरानी एवं प्रशिक्षण हेतु बुनियादी ढांचा को भी बल मिलेगा। राय ने ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद बल ने 5,192 कर्मियों की भर्ती करके एक सराहनीय कार्य पूरा किया है। इसके अलावा 4,000 कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया जारी है।
नित्यानंद राय ने कहा कि असम राइफल्स ने लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए ठोस प्रयास किये हैं जिसके परिणामस्वरूप बल में 1,187 महिलाओं को भर्ती किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बल में महिला सैनिकों की संख्या में उत्तरोत्तर और वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगों में महिला टीम की तैनाती से देश को विश्व में महाशक्ति बनाने की हमारी आकांक्षाओं को बल मिलता है। हालांकि भारत बहुत लम्बे समय से संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में योगदान दे रहा है, परन्तु असम राइफल्स की राइफल वुमन टीम के जुड़ने से राष्ट्रों के समुदाय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में एक और सामाजिक व मानवीय आयाम जुड़ गया है।
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए असम राइफल्स के सभी रैंकों को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसलिए उनका कल्याण हमारी सरकार के लिए सर्वोपरि है। इस संबंध में सरकार ने आयुष्मान भारत, रेल और हवाई टिकट बुकिंग सुविधा और ई-आवास पोर्टल जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है, जो सरकार की सैनिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सरकार की “भारत के वीर” पहल ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले 44 बहादुर सैनिकों के परिवारों को 2016 से अब तक लगभग पांच करोड़ सत्तावन लाख रुपये का आर्थिक योगदान दिया है। यह धनराशि उनको लागू ग्रेच्युटी और अन्य पेंशन लाभों के अतिरिक्त है। बल के सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मियों के बच्चों को शिक्षा के व्यापक अवसर प्रदान करने के लिए सरकार ने देश के चुनिंदा मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस /बीडीएस सीटों में आरक्षण प्रदान किया है, जिसका बल द्वारा पूरा उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि असम राइफल्स द्वारा स्थानीय नागरिकों हेतु सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत चिकित्सा शिविर, महिला सशक्तिकरण योजनाएं, राष्ट्रीय एकता यात्राएं और अन्य गतिविधियां चलाई जा रही हैं। समाज के कमजोर वर्गों के लिए इन्हें निरंतर जारी रखा जाना चाहिए ताकि पूर्वोत्तर क्षेत्र के सामाजिक उत्थान हेतु एक आधार प्रदान हो सके। उन्होंने असम राइफल्स द्वारा अब तक लगभग 31 लाख पेड़ लगाने की पहल का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि आज असम राइफल्स के 187वें स्थापना दिवस पर मैं बल के सभी बहादुर सैनिकों से यह कहना चाहता हूं कि सरकार का
असम राइफल्स की देख-रेख और कल्याण का सदैव ध्यान रहता है। उन्होंने कहा कि मैं कामना करता हूं कि शीघ्र ही असम राइफल्स न केवल देश बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सर्वोपरि बल के रूप में स्थापित हो।