नागपुर, 23 मार्च (हि.स.)। मशहूर कलाकार पुनीत इस्सर ने पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती के फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ वाले बयान पर कहा कि महबूबा मुफ्ती विक्टिम कार्ड खेलना बंद करें। इस्सर ने कहा कि फिल्म में दिखाया गया हिन्दुओं का नरसंहार कड़वी सच्चाई है, मुफ्ती को उस पर बोलना चाहिए।
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के प्रमोशन पर नागपुर पहुंचे कलाकार पुनीत इस्सर ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है। कश्मीरी हिन्दुओं का नरसंहार और पलायन आजाद भारत की कड़वी सच्चाई है। इस्सर ने कहा कि यह कभी न बुझने वाली आग है। बतौर इस्सर अब तक कश्मीर पर बनी ‘हैदर’ और ‘मिशन कश्मीर’ जैसी फ़िल्में अजीब नेरेटिव सेट करती आई हैं। इन फिल्मों में अन्याय होने की वजह से घाटी के मुस्लिमों को हथियार उठाए दर्शाया गया है जबकि यह सच्चाई नहीं है।
इस अवसर पर पुनीत इस्सर ने कहा कि उनका परिवार देश के बंटवारे के समय पाकिस्तान से भारत आया था। उस वक्त लाखों हिन्दू परिवारों का सब कुछ लूट लिया गया था लेकिन हमने कभी हथियार नहीं उठाए। पुनीत ने कहा कि हथियार उठाने को मजबूरी और विवशता का चोला पहनाकर हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता। महबूबा के बयान पर पुनीत ने कहा कि पिछले तीन दशकों से चुप्पी साधे बैठी नेता को घाटी में हुए हिन्दुओं के कत्ल-ए-आम पर बोलना चाहिए और बताना चाहिए कि यह सत्य है या नहीं।
प्रधानमंत्री को कटघरे में खड़ा करना अनुचित
प्रधानमंत्री ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को सच्चाई से प्रेरित बताया था। नतीजतन विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री और भाजपा पर फिल्म के प्रमोशन का आरोप लगा रही हैं। इस बारे में पुनीत ने कहा कि प्रधानमंत्री के जीवन पर एक बायोपिक बनी थी लेकिन वह फिल्म बिजनेस के हिसाब से सफल नहीं मानी जाती। प्रधानमंत्री को अगर फिल्मों का प्रमोशन करना होता तो वे खुद के जीवन पर बनी फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर पिटने नहीं देते। बतौर पुनीत प्रधानमंत्री ने फिल्म में दिखाई गई सच्चाई को स्वीकारा है तो उन्हें कठघरे में खड़ा करना अनुचित होगा।