नई दिल्ली, 22 मार्च (हि.स.)। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के हाथों सम्मानित पद्म पुरस्कार विजेता मंगलवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (एनडब्ल्यूएम) पहुंचे और राष्ट्र की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीरों को पुष्पांजलि अर्पित की। यह पहला मौका है जब सरकार की नई पहल के तहत पद्म पुरस्कार विजेताओं ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा किया है। पुरस्कार विजेताओं ने कहा कि यह स्मारक देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण, साहस और बलिदान के मूल्यों को विकसित करने में मदद करने के साथ ही राष्ट्रवाद की भावना पैदा करता है।
राष्ट्रपति भवन में सोमवार को आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह- I में वर्ष 2022 के लिए दो पद्म विभूषण, आठ पद्म भूषण और 54 पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किए गए थे। नागरिक अलंकरण समारोह का दूसरा हिस्सा 28 मार्च को राष्ट्रपति भवन में आयोजित होगा। सभी पद्म पुरस्कार विजेताओं ने आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का दौरा किया और स्मारक के चारों ओर घूमकर उन सशस्त्र बलों के जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद से देश की सीमाओं की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। पुरस्कार विजेताओं ने युद्ध स्मारक को लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की। पुरस्कार विजेताओं ने कहा कि यह स्मारक देशभक्ति, कर्तव्य के प्रति समर्पण, साहस और बलिदान के मूल्यों को विकसित करने में मदद करने के साथ ही राष्ट्रवाद की भावना पैदा करता है।
पद्मश्री पुरस्कार विजेता सरदार जगजीत सिंह दर्दी ने कहा कि एनडब्ल्यूएम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा। इसने व्यापक लोकप्रियता हासिल की है क्योंकि युवा अब वर्चुअल संग्रहालय के माध्यम से कहीं से भी एक क्लिक के साथ अपना सम्मान प्रदर्शित कर सकते हैं और अपने रोल मॉडल के बारे में अधिक जान सकते हैं। स्मारक परिसर के भीतर स्थापित डिजिटल कियोस्क भी सरकार की एक और अच्छी पहल है। एक अन्य पद्मश्री काजी सिंह ने एनडब्ल्यूएम के विशिष्ट डिजाइन और वास्तुकला की सराहना करते हुए कहा कि यहां आकर सशस्त्र बलों के वीरतापूर्ण कार्यों का बारीकी से अनुभव करने का अनूठा अवसर मिला है। एनडब्ल्यूएम का दौरा करने वालों में पद्म भूषण देवेंद्र झाझरिया, सच्चिदानंद स्वामी और पंडित राम दयाल शर्मा भी शामिल थे।