नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई के दस्तावेज लीक करने के लिए रिश्वत लेने के मामले में आरोप तय करने और दस्तावेजों का परीक्षण करने के लिए 6 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया है। स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने ये आदेश दिया।
कोर्ट ने 11 फरवरी को इस मामले के आरोपित और सीबीआई के सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी को जमानत दी थी। कोर्ट ने तिवारी को एक लाख रुपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था। इसके पहले कोर्ट ने अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा और उनके सोशल मीडिया मैनेजर वैभव गजेंद्र तुमाने को जमानत दी थी।
कोर्ट ने 22 दिसंबर 2021 को सीबीआई को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया था। सीबीआई के मुताबिक अभिषेक तिवारी ने आनंद डागा से जांच की जानकारी देने के लिए आईफोन 12 प्रो और दूसरे महंगे गिफ्ट लिए थे। सीबीआई ने कहा था कि जांच के सिलसिले में अभिषेक तिवारी पुणे गए थे, जहां उन्हें रिश्वत के रूप में महंगे गिफ्ट दिए गए। दस्तावेज लीक करने की एवज में तिवारी डागा से कई बार गिफ्ट ले चुका है।
सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर के मुताबिक देशमुख के खिलाफ जांच के लिए जांच अधिकारी और सीबीआई के डीएसपी आरएस गुंजियाल और तिवारी 6 अप्रैल को मुंबई गए। इस दौरान दोनों ने 14 अप्रैल को देशमुख समेत कई गवाहों के बयान दर्ज किए थे। अभिषेक तिवारी के पास संवेदनशील दस्तावेज थे। तिवारी ने डागा से कई संवेदनशील दस्तावेज व्हाट्सएप के जरिये साझा किया था। उसके बाद सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर अनिल देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। सीबीआई ने कहा था कि अभिषेक तिवारी ने साजिश के तहत दस्तावेजों को लीक किया और उसके बदले में रिश्वत ली। ये लगातार होता रहा है।
उल्लेखनीय है कि 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध उगाही समेत दूसरे आरोपों का सामना कर रहे देशमुख के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था।