नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की गोपनीय सूचनाएं साझा करने के मामले में गिरफ्तार सह-आरोपित आनंद सुब्रमण्यम को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने सुब्रमण्यम को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
आनंद सुब्रमण्यम की सीबीआई हिरासत बुधवार को खत्म हो रही थी, इसलिए सीबीआई ने आज कोर्ट में पेश किया। पेशी के दौरान कोर्ट ने सीबीआई को धीमी जांच के लिए फटकार लगाई। इस पर सीबीआई ने कहा कि हम गंभीरता से जांच कर रहे हैं और इसकी जांच के लिए 30 अधिकारियों की एक स्पेशल टीम गठित की गई है। इस टीम में एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल है। सीबीआई ने कहा कि उसने इस मामले में एनएसई के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर रवि नारायण से भी पूछताछ की है। बुधवार को आनंद सुब्रमण्यम ने इस मामले में अपनी जमानत याचिका दायर की। जमानत याचिका पर कोर्ट 11 मार्च को सुनवाई करेगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले 7 मार्च को कोर्ट ने इस मामले में एनएसई पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्णा को 14 मार्च तक की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था। सीबीआई ने कहा था कि चित्रा रामकृष्णा से एनएसी और सेबी के अधिकारियों के सामने पूछताछ की जानी है। सीबीआई ने कोर्ट से कहा कि उसने चित्रा रामकृष्णा को आनंद सुब्रमण्यम के सामने बैठाकर पूछताछ की, लेकिन चित्रा रामकृष्णा ने सुब्रमण्यम को पहचानने से इनकार कर दिया, जबकि सीबीआई ने दोनों के बीच करीब ढाई हजार ई-मेल का आदान-प्रदान होना पाया है।
सीबीआई ने चित्रा रामकृष्णा को 6 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके पहले 5 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट ने चित्रा रामकृष्णा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि आर्थिक अपराध से जुड़े मामलों को अलग तरीके से देखना होगा, क्योंकि इसमें सार्वजनिक धन के नुकसान के लिए गहरी साजिशें रची गई होती हैं। कोर्ट ने कहा था कि एनएसई प्रमुख की मिलीभगत के बिना ये सूचनाएं कैसे साझा हो सकती हैं। इसे एनएसई के इतिहास के काले दिन के रूप में याद किया जा सकता है।