हमीरपुर, 08 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की बागडोर संभालते ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के बजट में लगभग 38 प्रतिशत वृद्धि की है। इससे समाज के कमजोर वर्गों और दिव्यांगजनों को भरपूर लाभ मिल रहा है।
मंगलवार को हमीरपुर में बचत भवन में जिला प्रशासन और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा पंडित दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांगजन संस्थान, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित निशुल्क उपकरण वितरण समारोह की अध्यक्षता करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने यह जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान दिव्यांगजनों को व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल, श्रवण यंत्र और वॉकिंग स्टिक सहित लगभग 10 लाख रुपये के 276 उपकरण वितरित किए गए।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांगजनों को उच्च सम्मान दिया है और उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में नियमित रूप से दिव्यांगजनों के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे हैं तथा उन्हें आवश्यक उपकरण मुहैया करवाए जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला में ऐसे सभी दिव्यांगजनों की पहचान करें, जिन्हें कृत्रिम अंगों की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिला में ऐसे सभी दिव्यांगजनों को अतिशीघ्र कृत्रिम अंग उपलब्ध करवाए जाएंगे।
कोरोना संकट की चर्चा करते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि उन्होंने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों को भी पीपीई किट, मास्क, सेनेटाइजर और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाने का भरपूर प्रयास किया है। ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसन्ट्रेटर के साथ-साथ उन्होंने अल्प अवधि में ही पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करवाकर मरीजों को राहत प्रदान की है। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि यूक्रेन मेें फंसे लगभग 20 हजार भारतीय विद्यार्थियों को सुरक्षित निकालने के लिए केंद्र सरकार ने त्वरित कदम उठाए हैं और इन विद्यार्थियों को ऑपरेशन गंगा के तहत सकुशल घर पहुंचाया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के भी कई विद्यार्थियों को घर पहुंचाया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत चयनित हमीरपुर जिले के 17 गांवों के पंचायत जनप्रतिनिधियों को सम्मान पत्र भी वितरित किए। इन गांवों के चहुंमुखी विकास के लिए प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 20-20 लाख रुपये का प्रावधान किया गया था।