बेगूसराय, 06 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देशवासियों को सस्ते दाम पर दवा उपलब्ध कराने के लिए शुरू किए गए जन औषधि केंद्र को व्यापक रूप देने वाले बिहार के तीन लोगों को सम्मानित किया जाएगा। चतुर्थ जन औषधि दिवस के अवसर पर सात मार्च (सोमवार) को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जन औषधि योजना की जानकारी अधिकतम लोगों तक पहुंचाने के लिए बेगूसराय जिला के गढ़पुरा प्रखंड स्थित रजौड़ निवासी रामाशीष यादव तथा मुजफ्फरपुर जिला के दिव्यांग पंकज झा एवं रागनी रानी को सम्मानित करेंगे।
पीएमबीआई के सीईओ रवि दाधीच द्वारा भेजे गए पत्र के आलोक में प्रधानमंत्री से जन औषधि मित्र सम्मान लेने के लिए रामाशीष यादव अपने पोता के साथ सरकारी खर्च पर हमसफर एक्सप्रेस से रविवार को दिल्ली पहुंच गए हैं। विज्ञान भवन में सुबह दस बजे से आयोजित प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम का देशभर में 75 जगहों पर लाइव प्रसारण किया जाएगा। इस दौरान प्रधानमंत्री कुछ लोगों से लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से बातचीत भी करेंगे। बिहार में बेगूसराय सहित सात जगहों पर लाइव प्रसारण की व्यवस्था की गई है। बेगूसराय जिला मुख्यालय के कैप्शन होटल में आयोजित लाइव प्रसारण में केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह भी उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा सैकड़ों लोग मोबाइल के माध्यम से प्रधानमंत्री का संबोधन सुनेंगे।
पीएमबीआई के नोडल अधिकारी कुमार पाठक ने बताया कि जन औषधि केंद्र को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कई स्तर पर इंटरव्यू के बाद बेगूसराय के रामाशीष यादव सहित बिहार से तीन लोगों को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। तमाम लोग जहां बाजार की महंगी दवाइयों से परेशान थे, वहीं जन औषधि केंद्र पर 50 से 90 प्रतिशत तक कम दामों पर गुणवत्तापूर्ण दवा मिल रही है, इसका फायदा हो रहा है। प्रधानमंत्री के इस महत्वाकांक्षी योजना को जन जन तक पहुंचाने के लिए चार स्तर पर जन औषधि सर्वश्रेष्ठ, जन औषधि ज्योति, जन औषधि मित्र और जन औषधि दूत का सम्मान दिया जा रहा है।
जन औषधि केंद्र गढ़पुरा के संचालक नितेश कुमार पप्पू ने बताया कि जरूरतमंद मरीजों के लिए जन औषधि केंद्र वरदान साबित हो रहा है। रामाशीष यादव ने ना केवल हमारे गढ़पुरा केंद्र, बल्कि बेगूसराय और पूरे बिहार का नाम देश भर में रौशन किया है। 60 साल से अधिक उम्र हो जाने के बावजूद उन्होंने जन औषधि को घर-घर तक पहुंचाया। कोरोना काल में सैकड़ों लोगों को उन्होंने घर पर जाकर दवा पहुंचाई, तीन सौ से अधिक लोगों को केंद्र पर लाया। अपने रिश्तेदार सहित सैकड़ों लोगों को मोटिवेट करके उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस परियोजना को जन-जन तक पहुंचाया। लोग उन्हें इसके खिलाफ भड़काते रहे, लेकिन किसी की नहीं सुनी, जिसके बाद अधिकारियों द्वारा दस राउंड का इंटरव्यू करके उन्हें जन औषधि मित्र के रुप में चयनित कर प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित होने के लिए दिल्ली बुलाया गया है।