नई दिल्ली, 04 मार्च (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने 1991 के बलवंत सिंह मुल्तानी मामले में पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की गिरफ्तारी पर पूरी तरह रोक के पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर हैरानी जताई है। चीफ जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वर्तमान में चल रहे केस में राहत दी जाती है। यह आदेश कैसे दिया जा सकता है कि भविष्य में दर्ज केस में भी गिरफ्तारी नहीं होगी?
कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से कहा कि या तो वे खुद इस मामले की सुनवाई करें या दूसरी बेंच को सुनवाई के लिए दें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर वह बेंच सुनवाई नहीं करे जो पहले अंतरिम आदेश दे चुकी है। कोर्ट ने इस मामले पर दो हफ्ते में निपटारा करने का निर्देश दिया।
सैनी की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि पंजाब सरकार सैनी को टारगेट कर रही है। उनकी हत्या करने की भी कोशिश हुई है और करीब आधा दर्जन केस दर्ज किए गए हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि चाहे जो भी हो लेकिन आप ऐसा आदेश कैसे जारी कर सकते हैं कि भविष्य में भी होने वाले केस में गिरफ्तारी पर रोक लगा देंगे। ये क्या है। इस पर पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील डीएस पटवालिया ने कहा कि हाईकोर्ट ने सभी चीजों के लिए सुरक्षा दे दी है।
उल्लेखनीय है कि 3 मार्च को हाईकोर्ट ने सुमेध सैनी की गिरफ्तारी पर 20 अप्रैल तक रोक लगाते हुए कहा था कि उन्हें किसी भी दूसरे मामले या केस दर्ज हो सकने वाले मामलों में गिरफ्तार नहीं किया जाए। हाईकोर्ट में सैनी ने अपने खिलाफ लंबित सभी आपराधिक मामलों को सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की है।