नई दिल्ली, 03 मार्च (हि.स.)। एक वकील ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों का मसला सुप्रीम कोर्ट में रखा है। इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि हमें छात्रों से हमदर्दी है, पर कोर्ट इसमें कुछ नहीं कर सकता है। हम पुतिन को युद्ध रोकने का आदेश नहीं दे सकते। सरकार जरूरी कदम उठा रही है। हम अटार्नी जनरल से पूछेंगे कि और क्या किया जा सकता है।
गुरुवार को एक याचिका को वरिष्ठ वकील एमके धर ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए इस पर जल्द सुनवाई की मांग की। उन्होंने चीफ जस्टिस से कहा कि रोमानिया की सीमा पर कई छात्र फंसे हुए हैं। तब कोर्ट ने कहा कि हम इसमें क्या कर सकते हैं। इसमें सरकार कदम उठा रही है। हमें छात्रों से हमदर्दी है। हम अटार्नी जनरल से इसमें मदद के लिए कहेंगे।
दोपहर बाद जब अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल एक दूसरे मामले में कोर्ट में पेश हुए तो चीफ जस्टिस ने उनसे छात्रों की मदद करने को कहा। चीफ जस्टिस ने अटार्नी जनरल से कहा कि हजारों छात्र फंसे हुए हैं, आप इसमें मदद कीजिए। तब अटार्नी जनरल ने पूछा कि क्या जिस छात्र के लिए याचिका दायर की गई है उसने यूक्रेन की सीमा पार कर ली है तब वकील एमके धर ने कहा कि नहीं। तब अटार्नी जनरल ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक मंत्री को रोमानिया भेजा है ताकि छात्रों को वापस लाया जा सके। उसके बाद चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता के वकील को याचिका की प्रति अटार्नी जनरल को सौंपने का निर्देश दिया।