India Air Force Ukraine : युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को ‘एयर लिफ्ट’ करेगी भारतीय वायुसेना

नई दिल्ली, 01 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के बाद भारतीय वायुसेना यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए तैयार है। रूस के साथ युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के प्रयासों को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वायुसेना से निकासी प्रयासों में शामिल होने का आह्वान किया है। भारतीय वायुसेना के कई सी-17 परिवहन विमान आज ही ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत उड़ान भर सकते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के बीच यूक्रेन में 15 हजार से ज्यादा विद्यार्थी फंसे हुए हैं। युद्धग्रस्त यूक्रेन से अब तक आठ फ्लाइट के जरिये 1,554 भारतीयों को रेस्क्यू किया जा चुका है।

युद्ध के छठे दिन बुधवार सुबह से रूस ने यूक्रेन के सभी बड़े शहरों में हमले तेज कर दिए हैं। यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर आज रूस ने जोरदार हमला किया है। इस हमले में कर्नाटक के हावेरी जिला निवासी 21 वर्षीय मेडिकल छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत हुई है। इसकी पुष्टि भारतीय विदेश मंत्रालय ने की है। अभी भी वहां बॉर्डर पर 15 हजार से ज्यादा विद्यार्थी यूक्रेन से भारत लौटने का इंतजार कर रहे हैं। यूक्रेन में फंसे अधिकतर विद्यार्थी काफी मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं। कई छात्र यूक्रेन की सीमा तक भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसीलिए भारत ने शनिवार को ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू करके यूक्रेन से सटे देशों रोमानिया एवं हंगरी के रास्ते अपने नागरिकों को निकालना शुरू किया था क्योंकि यूक्रेन का हवाई क्षेत्र रूसी सैन्य आक्रमण शुरू होने के बाद 24 फरवरी से ही बंद है।

‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत पहले दिन 26 फरवरी को 219 भारतीयों को बुकारेस्ट से मुम्बई लाया गया। दूसरे दिन 27 फरवरी को तीन फ्लाइट से 688 छात्रों को सुरक्षित भारत लाया गया जिसमें 250 छात्र बुकारेस्ट से दिल्ली, 240 भारतीय बुडापेस्ट से दिल्ली और 198 नागरिक बुकारेस्ट से दिल्ली लाये गए। तीसरे दिन 28 फरवरी को भी 249 छात्र बुकारेस्ट से दिल्ली लाए गए हैं। एयर इंडिया की यह छठी फ्लाइट जब दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंची, तो वतन वापसी पर विद्यार्थियों के चेहरों पर खुशी साफ देखी जा सकती थी। ये सभी बॉर्डर पार करके हंगरी पहुंचे और वहां से उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया।

‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत चौथे दिन आज सुबह 7वीं फ्लाइट 182 भारतीय विद्यार्थियों को लेकर मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंची। 216 भारतीय नागरिकों के साथ आठवीं फ्लाइट बुडापेस्ट (हंगरी) से दिल्ली के लिए मंगलवार को ही रवाना हुई है। इस तरह अब तक एयर इंडिया की फ्लाइट से 1,554 भारतीय नागरिकों और विद्यार्थियों की सुरक्षित ‘वतन वापसी’ कराई जा चुकी है। ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत अन्य भारतीय नागरिकों और छात्रों को वापस लाए जाने की कवायद जारी है। भारतीयों को एयरलिफ्ट करने के लिए अब स्पाइसजेट, इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी अन्य निजी एयरलाइंस ने भी अपने विमान भेजे हैं।

भारतीय नागरिकों की निकासी के चल रहे प्रयासों को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को भारतीय वायुसेना का भी इस ऑपरेशन से जुड़ने का आह्वान किया। वायुसेना की क्षमताओं का लाभ उठाने से कम समय में अधिक लोगों को निकाला जा सकेगा। वायुसेना के हवाई जहाजों के जुड़ने से भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया गति पकड़ेगी। साथ ही भारत से भेजी जा रही राहत सामग्री भी और तेजी से पहुंचेगी। भारतीय वायुसेना के कई सी-17 परिवहन विमान आज ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत उड़ान शुरू कर सकते हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में बिगड़ते हालात के बीच आज ही भारतीय दूतावास ने सख्त एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि सभी भारतीय नागरिक और विद्यार्थी कीव को जल्द से जल्द छोड़ दें।

अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद भी भारतीय वायुसेना ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ शुरू किया था। दोहा, ताजिकिस्तान और काबुल के रास्ते अलग-अलग उड़ानों में 650 से अधिक नागरिकों को भारत लाया गया था। इनमें से 260 से अधिक भारतीय थे। उन्हें अफगानिस्तान से स्वदेश लाया गया था। काबुल के अलग-अलग ठिकानों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए दो टीमें बनाई गई थीं। स्वदेश लाए गए लोगों में भारतीय राजदूत आर. टंडन समेत दूतावास के कई कर्मचारी, वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी और कुछ भारतीय पत्रकार शामिल थे। अंतिम उड़ान में भारत आने को तैयार काफी संख्या में अफगान सिख और हिंदुओं सहित कुछ अफगान नागरिकों को नियत समय हवाई अड्डे पर न पहुंच सकने के कारण नहीं लाया जा सका था।

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