मानवाधिकारों पर भारत को किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं : विदेश मंत्रालय

नई दिल्ली, 28 जनवरी (हि.स.)। भारत ने अमेरिका एक मुस्लिम संस्था द्वारा आयोजित सेमिनार में देश में मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि देश को दूसरे लोगों से प्रमाण पत्र हासिल करने की जरूरत नहीं है।

अमेरिका स्थित इंडियन-अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने हाल ही में एक वीडियो लिंक के जरिए एक सेमिनार आयोजित किया था। इसमें पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और अमेरिका के चार सांसदों ने शिरकत की थी। वक्ताओं ने भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड की आलोचना की थी। इसके बाद देशभर में तीव्र प्रतिक्रिया हुई थी और हामिद अंसारी को सोशल मीडिया पर निशाना बनाया गया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत एक सशक्त और जीवंत लोकतंत्र है। हमें लोकतंत्र और मानवाधिकारों के बारे में किसी से प्रमाण पत्र नहीं चाहिए। दूसरे लोगों को भारत के संविधान की रक्षा का दंभ नहीं भरना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि सेमिनार के आयोजकों और इसमें शामिल लोगों का पूर्वाग्रह से ग्रसित रवैया स्पष्ट है।

हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/सुफल/दधिबल

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मानवाधिकारों पर भारत को किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं : विदेश मंत्रालय

MEA on seminar by Indian American Muslim Council

इंडियन-अमेरिकन काउंसिल के सेमिनार में हामिद अंसारी के बयान पर प्रतिक्रिया

नई दिल्ली, 28 जनवरी (हि.स.)। भारत ने अमेरिका एक मुस्लिम संस्था द्वारा आयोजित सेमिनार में देश में मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि देश को दूसरे लोगों से प्रमाण पत्र हासिल करने की जरूरत नहीं है।

अमेरिका स्थित इंडियन-अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ने हाल ही में एक वीडियो लिंक के जरिए एक सेमिनार आयोजित किया था। इसमें पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और अमेरिका के चार सांसदों ने शिरकत की थी। वक्ताओं ने भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड की आलोचना की थी। इसके बाद देशभर में तीव्र प्रतिक्रिया हुई थी और हामिद अंसारी को सोशल मीडिया पर निशाना बनाया गया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत एक सशक्त और जीवंत लोकतंत्र है। हमें लोकतंत्र और मानवाधिकारों के बारे में किसी से प्रमाण पत्र नहीं चाहिए। दूसरे लोगों को भारत के संविधान की रक्षा का दंभ नहीं भरना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि सेमिनार के आयोजकों और इसमें शामिल लोगों का पूर्वाग्रह से ग्रसित रवैया स्पष्ट है।

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