नई दिल्ली, 28 जनवरी (हि.स.)। विदेश मंत्रालय ने पूर्वी यूरोप के देश यूक्रेन के घटनाक्रम पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में मामले के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि भारत यूक्रेन के घटनाक्रम पर नजदीक से नजर बनाए हुए है। प्रवक्ता ने विवाद के समाधान के लिए अमेरिका और रूस के बीच जारी उच्च स्तरीय विचार-विमर्श का उल्लेख करते हुए कहा कि कीव (यूक्रेन) स्थित भारतीय दूतावास स्थानीय घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत निरंतर राजनयिक प्रयासों के जरिए स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का पक्षधर है ताकि क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दीर्घकालिक शांति और स्थायित्व कायम हो सके।
उल्लेखनीय है कि यूक्रेन को पश्चिम सैन्य संगठन नाटो में शामिल करने के मुद्दे पर अमेरिका और रूस के बीच तनातनी की स्थिति है। पश्चिमी देशों का आरोप है कि रूस ने सीमा पर बढ़ी संख्या में सैन्य बल की तैनाती की है। वह यूक्रेन में सैन्य हस्तक्षेप का मंसूबा बना रहा है।
इस प्रकरण में रूस और अमेरिका के अधिकारियों ने भारतीय पक्ष को अपने रवैये से अवगत कराया था। यूक्रेन के घटनाक्रम के मद्देनजर भारतीय दूतावास ने वहां रह रहे भारतीय नागरिकों और अध्ययन छात्रों से अपना ब्यौरा देने को कहा है।
पत्रकार वार्ता में प्रवक्ता से रूस द्वारा भारत को मिसाइल विरोधी एस400 प्रणाली की आपूर्ति और अमेरिका के संभावित प्रतिबंधों के बारे में भी पूछा गया। प्रवक्ता ने कहा कि भारत एक स्वतंत्र विदेश नीति के तहत काम करता है तथा रक्षा खरीद और आपूर्ति राष्ट्रीय हितों के मद्देनजर होती है।
अमेरिका में भारत विरोधी तत्वों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाने के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय राजनयिक मिशनों और राजनयिकों की सुरक्षा के बारे में मेजबान देश से आवश्यक सुरक्षा उपाय करने के लिए कहा जाता है।
हाल के दिनों में भारतीय परिसरों में तोड़-फोड़ करने के कुछ प्रयास सामने आए हैं। अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई थी।