नई दिल्ली, 27 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों में मनी लाउंड्रिंग मामले के सह-आरोपित अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने की अर्जी पर सुनवाई टाल दिया है। एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने 3 फरवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया।
इस मामले के आरोपित ताहिर हुसैन ने जमानत याचिका दायर किया है। इस याचिका पर कोर्ट ने ईडी को नोटिस भेजा है। 29 सितंबर 2021 को ईडी ने अमित गुप्ता की खुद को सरकारी गवाह बनाने की अर्जी का शर्तों के साथ समर्थन किया था। अमित गुप्ता की ओर से वकील ने कहा था कि अमित गुप्ता ने इस मामले के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन की मनी लाउंड्रिंग मामले में मदद की है लेकिन इसका न तो उसे कोई लाभ नहीं हुआ है और न ही उसने कोई सहयोग किया है। उन्होंने कहा था कि अमित गुप्ता को अगर सरकारी गवाह बनाया जाता है तो उसके बयानों से इस मामले के दूसरे आरोपियों तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
सुनवाई के दौरान अमित गुप्ता ने कहा था कि वह इस अपराध की सच्चाई का खुलासा करेगा। इसलिए उन्हें माफ कर सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी जाए। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील एनके माटा और ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि अमित गुप्ता को सरकारी गवाह बनाया जा सकता है बशर्ते की वह इस अपराध का पूरा खुलासा करे। ईडी ने कहा था कि अमित गुप्ता को इस मामले की जांच में पूरा सहयोग करना होगा।
ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को आरोपित बनाया है। 16 अक्टूबर 2020 को ईडी के असिस्टेंड डायरेक्टर पंकज कुमार खत्री ने चार्जशीट दाखिल किया था। ईडी ने ताहिर हुसैन और अमित गुप्ता को मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत धारा 3 के तहत आरोपित बनाया है। चार्जशीट में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया है। ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई।
ईडी के मुताबिक ताहिर हुसैन और उससे जुड़े लोगों ने एक करोड़ दस लाख रुपये की मनी लाउंड्रिंग किया। दंगों के लिए एकत्रित किए गए इस धन को फर्जी कंपनी के जरिये नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शनों में लगाया गया।