नई दिल्ली, 27 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाला कथित भाषण देने के मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दी है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने 17 फरवरी को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता और उनके वकील अमित महाजन की ओर से पेश सोनाली तिवारी ने कहा कि शिकायतकर्ता दलीलें देने के लिए उपलब्ध नहीं हैं। उसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 फरवरी को करने का आदेश दिया। 6 दिसंबर 2021 को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाला कथित भाषण देने देने के मामले में मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता है। स्टेटस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि खट्टर का वीडियो चंडीगढ़ में रिकार्ड किया गया है जो दिल्ली पुलिस के अधिकार क्षेत्र के बाहर है।
18 नवंबर, 2021 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट तलब किया था। याचिका वकील अमित साहनी ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें मनोहर लाल खट्टर अपने चंडीगढ़ निवास पर बीजेपी किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ अपने निवास पर बैठक कर रहे हैं। उस बैठक में खट्टर हिंसा भड़काने वाला भाषण दे रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि बैठक में खट्टर कह रहे हैं कि वालंटियर तैयार करो और दो से छह महीने तक जेल जाने से मत डरो। भाषण में खट्टर कह रहे हैं कि आप बैठकों में ज्यादा कुछ नहीं सीखेंगे लेकिन जेल में जाने के बाद आप बड़े नेता हो जाएंगे और इतिहास में आपका नाम दर्ज होगा। याचिका में कहा गया है कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को समाज में वैमनस्य , घृणा और हिंसा पैदा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। याचिका में खट्टर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 153, 153ए और 505 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बार्डर पर किसानों का प्रदर्शन 26 नवंबर 2020 से चल रहा था जो 19 नवंबर 2021 को समाप्त हुआ।