नई दिल्ली, 27 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली की पटियाला हाउस के सेशंस कोर्ट ने बुलीबाई ऐप मामले के आरोपित नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज कर दिया है। एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने ये आदेश दिया।
25 जनवरी को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है। दिल्ली पुलिस की ओर से वकील इरफान अहमद ने कहा कि नीरज बिश्नोई के ट्विटर अकाउंट पर आपत्तिजनक सामग्री है। इसमें एक खास समुदाय की महिलाओं के लिए सुली और बुली जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। इरफान अहमद की इस दलील के बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि 14 जनवरी को पटियाला के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज की थी। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था कि आरोपित ने जो ऐप बनाया है उस पर महिलाओं के बारे में अपमानजनक कंटेंट हैं। एक खास धर्म की महिलाओं के बारे में ऐसी सांप्रदायिक बातें चलाई जा रही हैं, जो समाज के लिए नुकसानदायक है।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा था कि आरोपित ने बुलीबाई ऐप पर एक खास धर्म की महिला पत्रकारों और सेलेब्रिटीज को निशाना बनाया गया। सोशल मीडिया पर शोहरत कमा चुकी महिलाओं को इस ऐप के जरिये टारगेट किया गया है और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई है। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में जांच अभी शुरुआती चरण में है, साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। जांच एजेंसी इस मामले में दूसरे लोगों की संलिप्तता का पता लगा रही है। कोर्ट ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए आरोपित को जमानत नहीं दी जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में असम से नीरज विश्नोई को गिरफ्तार किया है। बुलीबाई ऐप के जरिए मुस्लिम पत्रकारों, वकीलों और समाज में अच्छी पहचान रखने वाली महिलाओं की फर्जी तस्वीरें शेयर कर इंटरनेट पर उनकी नीलामी की जा रही थी। मुंबई पुलिस ने इस मामले में देहरादून से तीन लोगों की गिरफ्तारी की है। 22 जनवरी को एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने इस मामले के एक आरोपित और मुंबई की जेल में बंद विशाल झा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।