संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा, करते रहेंगे अफगानियों की मानवीय सहायता

न्यूयार्क, 27 जनवरी (हि.स.)। अफगानिस्तान और भारत के लोगों का रिश्ता हमेशा से विशेष रहा है और आगे भी इस विशेष संबंध को कायम रखा जाएगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने इस वादे के साथ अफगानियों की मानवीय सहायता के लिए हर संभव मदद जारी रखने की बात कही।

संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थानीय प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत हमेशा से अफगानिस्तान का सबसे बड़ा क्षेत्रीय विकास भागीदार रहा है। वहां की बदली परिस्थितियों में भी भारत वहां अन्य हितधारकों के साथ समन्वय के लिए तैयार है, ताकि अफगानी नागरिकों को मानवीय सहायता के त्वरित प्रावधान सुनिश्चित किये जा सकें। भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच विशेष संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के दौर में भारत वहां सक्रिय रहा है। अब बदली परिस्थितियों को देखते हुए भारत आगे भी अफगानिस्तान के लोगों का मार्गदर्शन करना जारी रखेगा।

भारतीय राजनयिक ने जानकारी दी कि भारत ने अफगानिस्तान के लोगों के लिए 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं और जीवन रक्षक दवाओं के साथ कोविड टीकों की दस लाख खुराक उपलब्ध कराई हैं। दवाओं और कोविड टीकों सहित सहायता की तीन खेप विश्व स्वास्थ्य संगठन और काबुल स्थिति इंदिरा गांधी बाल चिकित्सालय को सौंपी जा चुकी हैं। तिरुमूर्ति ने साफ कहा कि मानवीय सहायता में तटस्थता, निष्पक्षता व स्वतंत्रता के सिद्धांतों पर अमल सुनिश्चित किया जाना चाहिए। सहायता का वितरण सदैव गैर भेदभावपूर्ण और सर्व सुलभ भाव से होना चाहिए। इसमें जातीयता, धर्म या राजनीतिक विचारधारा आड़े नहीं आनी चाहिए।

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