प्रधानमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं से संवाद में शहरी क्षेत्रों में कम मतदान पर जताई चिंता
– पार्टी कार्यकर्ताओं को अमृतकाल के सभी चुनावों में 75 प्रतिशत मतदान का दिया लक्ष्य
– लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने पर आम सहमति का आह्वान
नई दिल्ली, 25 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर कहा कि हमारे चुनाव आयोग और चुनाव प्रक्रिया ने विभिन्न देशों के लिए एक बेंचमार्क स्थापित किया है।
प्रधानमंत्री मोदी आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं से नमो ऐप के माध्यम से संवाद कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने इस दौरान लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने और आजादी के अमृतकाल में होने वाले सभी चुनावों में 75 प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने का आह्वान किया। कार्यक्रम मुख्यत: गुजरात भाजपा के सभी बूथ प्रभारियों, पन्ना प्रमुख और पन्ना समिति कार्यकर्ता पर केंद्रित था। इसमें गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुभकामनाएं देते हुये भाजपा कार्यकर्ताओं को एक-एक वोट की शक्ति का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भारत में चुनाव के माध्यम से लोगों ने लगातार सरकार बनाई हैं। यह आपके एक वोट के कारण संभव हुआ है। 25 जनवरी 1950 को भारत के चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी इसलिए आज के दिन मतदाता दिवस मनाया जाता है। यह देश के गणतंत्र बनने से एक दिन पहले हुआ। प्रधानमंत्री ने बताया कि ऐसा लोकतंत्र को मजबूत करने और निष्पक्ष चुनाव व्यवस्था बनाये रखने के लिये किया गया था।
भारत के चुनाव आयोग को मिली तमाम शक्तियों का हवाला देते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत उन देशों में से एक है जहां चुनाव आयोग (ईसी) लोगों को नोटिस जारी कर सकता है, अधिकारियों को स्थानांतरित कर सकता है। उन्होंने कहा कि तमाम राजनीतिक दल और सर्वोच्च न्यायालय भी इसका सम्मान करते हैं।
प्रधानमंत्री ने भाजपा के सभी बूथ प्रभारियों, पन्ना प्रमुख और पन्ना समिति कार्यकर्ताओं से चुनावी लोकतंत्र को और अधिक समावेशी बनाने के लिए आजादी के अमृतकाल में होने वाले सभी चुनावों में कम से कम 75 प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पन्ना प्रमुख और बूथ समिति के प्रमुख आजादी के अमृतकाल में होने वाले सभी चुनाव में कम से कम 75 प्रतिशत मतदान कराने का लक्ष्य तय करें।
प्रधानमंत्री ने भाजपा सहित तमाम राजनीति दलों और नागरिकों से एक राष्ट्र-एक मतदाता सूची, एक राष्ट्र–एक चुनाव पर विषय पर स्वस्थ चर्चा का आह्वान करते हुये देश में एक साथ चुनावों पर आम सहमति बनाने की मांग की।
ईवीएम के बजाय मतपत्रों से चुनाव कराने की विपक्षी मांगों का अपरोक्ष रूप से जवाब देते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि पहली बार के मदताओं को शायद पता नहीं होगा कि पहले उम्मीदवारों के अलग-अलग रंग के बक्शे होते थे। आज भारत उस दौर से निकल गया है और ईवीएम से मतदान होता है। उन्होंने इवीएम का महत्व समझाते हुये कहा कि इससे कुछ ही समय में नतीजे घोषित हो जाते हैं जबकि पहले मतों की गिनती में काफी समय लगता था।
सोशल मीडिया पर चुनाव को लेकर सक्रिय रहने वालों के मतदान नहीं करने पर चिंता जताते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में मतदान का कम प्रतिशत चिंताजनक है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और सभी नागरिकों से इस पर विचार करने का आह्वान किया।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के भाजपा कार्यकर्ताओं से भी नमो ऐप के माध्यम से संवाद कर उन्हें प्रत्येक वोट का महत्व समझाया था।