ग्वालियर, 23 जनवरी (हि.स.)। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि कोविड के समय जब अन्य आर्थिक गतिविधियां बंद थी, उस समय कृषि ने ही अर्थ-व्यवस्था को आधार प्रदान किया। भारत सरकार और मध्य प्रदेश शासन द्वारा संचालित योजनाओं से निश्चित ही गरीब और किसानों के जीवन में बदलाव आएगा।
केन्द्रीय मंत्री तोमर रविवार को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत कृषि महाविद्यालय ग्वालियर, कृषि विज्ञान केन्द्र, मुरैना और कृषि महाविद्यालय, सीहोर में इन्क्यूबेशन केन्द्रों की स्थापना के लिए राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर में आयोजित भूमि-पूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी भोपाल से इन इन्क्यूबेशन केन्द्रों के लोकार्पण एवं शिलान्यस कार्यक्रम को संबोधित किया।
केन्द्रीय मंत्री तोमर ने मध्यप्रदेश को कृषि उत्पादन में देश में अग्रणी राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री चौहान को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2014 से किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्र के नौजवानों को कृषि के माध्यम से रोजगार के नए मौके प्रदान किए जा रहे हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने अनेक योजनाएं आरंभ की है और उन पर तेजी से काम चल रहा है। मप्र में मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में योजनाओं पर बेहतर अमल किया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि मप्र देश में खेती के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बना है।
तोमर ने कोरोना संकटकाल में अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए एक लाख करोड़ रु. के कृषि इंफ्रास्ट्रक्टर फंड सहित डेढ़ लाख करोड़ रुपये के विशेष आत्मनिर्भर पैकेजों का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके परिणाम सकारात्मक रहे हैं। कोरोना के दौरान सरकार के उपायों के कारण कृषि क्षेत्र प्रभावित नहीं हो सका, बल्कि इसने ग्रोथ हासिल की। सरकार ने कोरोना के दौरान देशभर में किसानों को आसानी से लोन देने के साथ ही अन्य राहत प्रदान की तथा समय-सीमा निर्धारित करते हुए अन्य सुविधाएं दी है। “प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना” भी इसी कड़ी में केंद्र सरकार का महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान के अलावा प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल, उद्यानिकी राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर तथा कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति प्रो. एसके राव ने भी संबोधित किया।
उल्लेखनीय है कि सीहोर, मुरैना और ग्वालियर में तीन इन्क्यूवेशन सेंटर्स की स्थापना के लिए भारत सरकार द्वारा 9 करोड़ 87 लाख 85 हजार रुपये स्वीकृत किए हैं। सीहोर में अमरूद, फलों तथा सब्जियों के प्र-संस्करण के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जा रही है। सेंटर में खाद्य प्र-संस्करण प्रयोगशाला सहित जूस, पल्प, जैम, जैली, वेजिटेबल डिहाइड्रेशन लाइन एवं प्याज प्र-संस्करण लाइन की स्थापना होगी। मुरैना में सरसों एवं अन्य तिलहनों, ज्वार, बाजरा, रागी और बेकरी उत्पादों के प्र-संस्करण के लिए कॉमन इन्क्यूबेशन फेसिलिटी उपलब्ध कराई जाएगी। ग्वालियर में आलू तथा आलू प्र-संस्करण लाइन एवं मिलेट आधारित कुकीज लाइन की स्थापना की जा रही है।
आत्म-निर्भर भारत अभियान में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना की शुरूआत की गई है। योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे उद्योगों का विकास तथा “एक जिला-एक उत्पाद” योजना में गतिविधियों को बढ़ावा देना है। उद्यानिकी फसलें जैसे आम, आलू, टमाटर आदि जल्द खराब होते हैं। इनके रख-रखाव, प्रोसेसिंग, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग के लिए योजना में विशेष व्यवस्था है।