ओस्लो, 23 जनवरी (हि.स.)। अफगानिस्तान के मानवीय हालातों पर पश्चिमी जगत का समर्थन मांगने नार्वे पहुंचे तालिबान प्रतिनिधिमंडल को विरोध का सामना करना पड़ा है। अफगानी नागरिकों के विरोध के बीच वहां तीन दिवसीय वार्ता शुरू हो गयी है।
तालिबानी प्रतिनिधिमंडल नार्वे में यूरोपीय यूनियन व अन्य पश्चिमी देशों के साथ 23 से 25 जनवरी तक प्रस्तावित वार्ता के लिए ओस्लो पहुंचा है। वहां अफगानी नागरिकों ने तालिबानी प्रतिनिधिमंडल का विरोध किया। विरोध-प्रदर्शनों के बीच अफगानिस्तान में खराब होते मानवीय हालातों पर वार्ता शुरू हुई। अगले तीन दिनों में तालिबानी प्रतिनिधिमंडल की अफगानिस्तान एवं प्रवासी अफगानी महिला अधिकार तथा मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से मुलाकात तय है। तालिबानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी कर रहे हैं।
वार्ता की शुरुआत से पहले अफगानिस्तान के संस्कृति एवं सूचना उप मंत्री ने मुत्ताकी का एक वायस मैसेज ट्वीट किया। अपने संदेश में मुत्ताकी ने अगले तीन दिनों की यात्रा के सकारात्मक होने की उम्मीद जताई। उन्होंने इस पहल के लिए नार्वे को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि तीन दिनों की यह वार्ता तालिबान व यूरोप के बीच अच्छे रिश्तों की शुरुआत का प्रवेश द्वार साबित हो सकती है।
तालिबान के उप प्रवक्ता इनामुल्ला समांगानी ने इस यात्रा को सकारात्मक करार देते हुए कहा कि नार्वे सरकार के निमंत्रण पर तालिबान का प्रतिनिधि मंडल ओस्लो पहुंचा है।
नार्वे के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि इस शिखर सम्मेलन में लड़कियों की शिक्षा में आ रही बाधाओं के साथ मानवाधिकारों तक उनकी पहुंच पर ध्यान दिया जाएगा।