बर्लिन, 23 जनवरी (हि.स.)। दो दिन की भारत यात्रा के दौरान पर जर्मन नौसेना के प्रमुख वाइस एडमिरल अचिम शॉनबैक को एक व्याख्यान के दौरान के दौरान रूस और यूक्रेन पर दिया गया एक बयान महंगा पड़ गया। उन्हें जर्मनी पहुंचते ही इस्तीफा देना पड़ा है।
जर्मनी के नौ सेना प्रमुख वाइस एडमिरल अचिम शॉनबैक नई दिल्ली में मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस में शुक्रवार को एक व्याख्यान में शामिल हुए थे। उन्होंने इस दौरान यूक्रेन संकट पर जर्मनी और यूरोप के रुख से इतर जाते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि रूस एक पुराना और अहम देश है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि यूक्रेन में रूस की कार्रवाई से सख्ती से निपटना चाहिए। उन्होंने क्रीमिया पर पश्चिमी देशों की नीति के खिलाफ जाते हुए यह भी कह दिया था कि रूस द्वारा कब्जाए गए क्रीमिया प्रायद्वीप का मामला अब हाथ से निकल चुका है। उन्होंने कहा था कि क्रीमिया अब जा चुका है। यह एक तथ्य है कि क्रीमिया अब कभी वापस नहीं आएगा।
उनके ये बयान सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए। अपने नौसेना प्रमुख के ये बयान जर्मन सरकार को स्वीकार नहीं हुए। जर्मनी पहुंचते ही अचिम शॉनबैक को अपने बयान पर जवाब देना पड़ा। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने बयान को लेकर खेद भी जताया। इसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा जर्मनी की रक्षा मंत्री क्रिस्टीन लैंब्रेख्त को भेज दिया। इस्तीफे के साथ ही उन्होंने रक्षा मंत्री से स्वयं को तत्काल सेवामुक्त करने की गुजारिश की। नौसेना प्रमुख ने बताया कि उनकी इस मांग को रक्षा मंत्री ने मान भी लिया है।