नई दिल्ली, 22 जनवरी (हि.स.)। शुक्रवार को खत्म हुए कारोबारी सप्ताह में घरेलू शेयर बाजार पर अंतरराष्ट्रीय बाजार के कमजोर संकेतों और विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने काफी असर डाला। कमजोर ग्लोबल संकेतों के कारण भारतीय शेयर बाजार में हुई चौतरफा बिकवाली के कारण सेंसेक्स और निफ्टी में तो जोरदार गिरावट आई ही, भारतीय निवेशकों को भी करीब 10 लाख करोड़ रुपये का चूना लग गया। सेंसेक्स और निफ्टी में शामिल ज्यादातर सूचकांक साप्ताहिक आधार पर नुकसान का सामना करके बंद हुए। वहीं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप भी 280.09 लाख करोड़ से घटकर 270.09 लाख करोड रुपये रह गया।
जानकारों के मुताबिक घरेलू शेयर बाजार में इस जोरदार गिरावट की एक बड़ी वजह दुनिया भर में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से बना चिंता का माहौल भी रहा। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में आई तेजी ने भी दुनिया भर के शेयर बाजार पर नकारात्मक असर डाला। इस बीच भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली ने माहौल को बिगाड़ने में और भी प्रमुख भूमिका निभाई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शुक्रवार को खत्म हुए सप्ताह के दौरान 15,563.72 करोड़ रुपये की बिकवाली करके शेयर बाजार के सेंटीमेंट्स को दबाव में लाने में प्रमुख भूमिका निभाई।
सालूजा सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अरिहंत सालूजा के मुताबिक ग्लोबल मार्केट में आई कमजोरी का असर भी भारतीय शेयर बाजार पर साफ नजर आ रहा है। नैस्डेक की टेक कंपनियों के कारोबार में पिछले सप्ताह के दौरान लगातार कमजोरी बनी रही। जिसकी वजह से भारतीय शेयर बाजार के टेक सेक्टर पर भी लगातार दबाव बना रहा। और तो और यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने की उम्मीद की वजह से ग्लोबल बॉन्ड यील्ड में आए उछाल की वजह से भी विदेशी निवेशक किसी भी तरह का जोखिम लेने से बचते रहे। ऐसे निवेशक फिलहाल अपने पोर्टफोलियो में हाई रिस्क वाले स्टॉक को शामिल करने से बच रहे हैं। मौजूदा समय में उनका ध्यान सोने जैसे सुरक्षित निवेश की ओर ज्यादा बढ़ गया है।
इसी तरह धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का भी मानना है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली ने भारतीय बाजार पर लगातार दबाव बना रखा है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक ग्लोबल बॉन्ड यील्ड में हो रही बढ़ोतरी के बीच उच्चतम स्तर के करीब कारोबार करने वाले बाजार से पैसा निकाल कर जापान और यूरोप के बाजार की ओर अपना रुख कर रहे हैं, ताकि उन्हें अपने निवेश के एवज में आकर्षक रिटर्न प्राप्त हो सके। भारतीय शेयर बाजार फिलहाल अपने सर्वोच्च स्तर के करीब पहुंचकर कारोबार कर रहा है। ऐसे में विदेशी निवेशकों को आने वाले दिनों में भारतीय बाजार में फायदा होने की जगह जोखिम होने की संभावना अधिक नजर आ रही है। यही कारण है कि वे तेजी से अपने पैसे की निकासी करने में लगे हुए हैं।
शेयर बाजार के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि अपने निवेश को सुरक्षित रखने और ज्यादा आकर्षक रिटर्न हासिल करने के इरादे से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अक्टूबर के महीने से लेकर अभी तक घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली करके 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी कर चुके हैं, जिसका दबाव भारतीय बाजार पर लगातार बनता हुआ नजर आ रहा है। शुक्रवार को खत्म हुए कारोबारी सप्ताह के दौरान भी विदेशी निवेशकों ने आक्रामक तरीके से बिकवाली करके 15 हजार करोड़ से अधिक की रकम की निकासी की, जिसकी वजह से बाजार में निगेटिव सेंटिमेंट्स बने और सेंसेक्स 2000 अंकों से ज्यादा तो निफ्टी 600 अंकों से भी ज्यादा लुढ़क गया।