नई दिल्ली, 20 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने यस बैंक को 466 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में अवंता ग्रुप के 15 कर्मचारियों को जमानत दे दी है। कोर्ट ने अवंता ग्रुप के सह संस्थापक राणा कपूर को जमानत देने से इनकार कर दिया। स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने इन आरोपितों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने इस मामले में अवंता ग्रुप के जिन कर्मचारियों को जमानत दी है, उनमें बी हरिहरन, अभिषेक एस पांडे, राजेंद्र कुमार मंगल, रघुबीर कुमार शर्मा, अनिल भार्गव, तापसी महाजन, सुरेंद्र कुमार खंडेलवाल, सोनू चड्ढा, हरीश गुप्ता , रमेश शर्मा, पवन कुमार अग्रवाल, अमित ममतानी, आशीष अग्रवाल, अमित कुमार और विनोद बहेटे शामिल हैं। कोर्ट ने सभी आरोपितों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने सभी 15 आरोपितों को निर्देश दिया कि वे कोर्ट की अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जाएंगे। कोर्ट ने सभी आरोपितों को निर्देश दिया कि वे साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। कोर्ट ने आरोपितों ने निर्देश दिया कि ईडी को जब भी जरूरत होगी, वे जांच में सहयोग करेंगे। कोर्ट ने सभी आरोपितों को अपना पासपोर्ट कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि इस मामले के मुख्य आरोपित और अवंता ग्रुप के संस्थापक गौतम थापर अभी जेल में है। 30 अक्टूबर, 2021 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने गौतम थापर की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। गौतम थापर ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर कर रखी है, जो अभी लंबित है। ईडी ने थापर को 3 अगस्त को गिरफ्तार किया था। ईडी के मुताबिक 2017 से लेकर 2019 तक थापर, अवंता रियल्टी और ओयेस्टर बिल्डवेल ने यस बैंक के साथ 466.51 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। यस बैंक ने अपनी शिकायत में कहा है कि ओयेस्टर बिल्डवेल की एक सहयोगी कंपनी ने एक पावर प्लांट का ठेका लेने के लिए दिसंबर 2017 में दस सालों के लिए 515 करोड़ रुपये का लोन लिया था लेकिन कंपनी लोन की ईएमआई नहीं दे रही, जिसके बाद उसे 30 अक्टूबर, 2019 को एनपीए करार दिया गया।
उल्लेखनीय है कि 2020 में सीबीआई ने यस बैंक के पूर्व एमडी राणा कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 307 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में अवंता रियल्टी में रिश्वत के रूप में एक बंगला खरीदने के मामले में केस दर्ज किया था।