मैड्रिड, 19 जनवरी (हि.स.)। कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर के देशों को तमाम तरह की मुश्किलों के साथ आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी क्रम में वैश्विक स्तर पर पर्यटन लगभग तबाह हो चुका है। फिलहाल इसके वर्ष 2024 से पहले पटरी पर आने की संभावना नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र की संस्था वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन ने मंगलवार को एक बयान में बताया कि वैश्विक पर्यटन साल 2024 तक महामारी के पहले वाले स्तर पर लौटने की उम्मीद नहीं है। आवागमन के साधनों पर प्रतिबंधों, वैक्सीनेशन की दर और यात्रियों में विश्वास की कमी के चलते दुनियाभर में टूरिज्म क्षेत्र में रिकवरी की रफ्तार धीमी और असमान बनी हुई है। एक साल पहले की तुलना में 2020 में टूरिज्म से आय में 72 फीसदी की कमी आई थी। साल 2020 पूरी तरह से महामारी के चपेट में रहा।
मैड्रिड स्थित संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के वर्ल्ड टूरिज्म बैरोमीटर के अनुसार, अत्यधिक संक्रामक ओमीक्रोन वैरिएंट दूसरे स्ट्रेन की तुलना में कम गंभीर है, लेकिन 2022 की शुरुआत में पर्यटन क्षेत्र को फिर से खड़े होने से रोक रहा है। 2020 की तुलना में पिछले साल टूरिज्म क्षेत्र में चार फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई थी। 2020 की तुलना में पिछले साल यूरोप और अमेरिका में विदेशी पर्यटकों के आगमन में क्रमश: 19 फीसदी और 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, मिडिल ईस्ट में 2021 में विदेशी पर्यटकों के आगमन में 24 फीसदी की गिरावट आई। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 65 फीसदी की कमी आई है और महामारी से पहले के स्तर की तुलना में पर्यटकों के आगमन में 94 फीसदी की गिरावट देखी गई।
बयान में कहा गया है कि पर्यटन से जुड़े पेशेवर ओमीक्रोन की लहर के कारण शुरुआती महीनों में उथल-पुथल के बाद इस वर्ष (2022) के लिए बेहतर संभावनाएं देख रहे हैं। एजेंसी का अनुमान है कि 2021 के मुकाबले इस साल अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आवक में 30 से 78 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। हालांकि, यह 2019 के स्तर से काफी नीचे है। एजेंसी ने कहा कि अधिकांश एक्सपर्ट्स का मानना है कि उन्हें कम से कम 2024 तक टूरिज्म के महामारी के पहले के स्तर पर लौटने की उम्मीद नहीं है।
बयान में कहा गया कि 2021 में पर्यटन का आर्थिक योगदान 1.9 ट्रिलियन डॉलर (1.68 ट्रिलियन यूरो) रहने का अनुमान है, जो 2020 के 1.6 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर है, लेकिन यह महामारी के पहले के 3.5 ट्रिलियन डालर के स्तर से अब भी काफी नीचे है।