कीव, 16 जनवरी (हि.स.)। पिछले दिनों यूक्रेन पर हुए जोरदार साइबर हमले की परतें खुलने लगी हैं। यूक्रेन के सुरक्षा अधिकारियों ने साइबर हमले की प्रारंभिक जांच के बाद दावा किया है कि यूक्रेन पर यह साइबर हमला बेलारूस से किया गया था।
दो दिन पूर्व यूक्रेन पर हुए साइबर हमले से सरकारी कामकाज पर सीधा असर पड़ा था। यूक्रेन सरकार से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने तब इस साइबर हमले में रूस का हाथ होने की संभावना जताई थी। उक्त अधिकारी का कहना था कि रूसी हैकर्स ने विदेश मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट सहित 70 से अधिक सरकारी वेबसाइट्स पर हमला बोला और देश के साइबर कामकाज को प्रभावित किया।
विदेश मंत्रालय के अलावा कई कैबिनेट मंत्री, आंतरिक सुरक्षा व रक्षा परिषद समेत कई सरकारी निकाय इस साइबर हमले का शिकार बने। यूक्रेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि हमले में कम्प्यूटरों का सारा डेटा नष्ट हो गया है। हमला इस कदर गंभीर था कि नष्ट हुए डेटा को पुनः जुटाना लगभग असंभव है।
इसके बाद यूक्रेन ने इस पूरे प्रकरण की जांच कराई तो बेलारूस के हैकर्स की सक्रियता सामने आयी। यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उप सचिव सेरही डेमेड्युक ने यूएनसी1151 नामक एक बेलारूसी समूह को इस हमले के लिए दोषी माना। उन्होंने दावा किया कि प्रारंभिक जांच में यह पाया गया है कि उक्त समूह ने यूक्रेन की सरकारी वेबसाइट्स को निशाना बनाया और धमकी भरे संदेश भी भेजे। नाटो ने भी यूक्रेन के साथ साइबर सहयोग बढ़ाने की बात दोहराई है।