कानपुर, 15 जनवरी (हि.स.)। नाइजीरिया के नाइजीरियन शुगर इंस्टिट्यूट के चार शिक्षकों ने अपना एक वर्ष का “फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम” राष्ट्रीय शर्करा संस्थान से पूरा कर संस्थान से विदा ली। नाइजीरिया में चीनी उद्योग के विस्तार के लिए मास्टर प्लान के अंतर्गत नाइजीरियन शुगर इंस्टिट्यूट की स्थापना राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के सहयोग से की गयी है।
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान एवं नाइजीरिया शुगर डेवलपमेंट कौंसिल के बीच हुए समझौते के अंतर्गत राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर नाइजीरिया के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेगा। इसी समझौते के तहत बेल्लो मुजीब, माइकल ओस्सजि, सुलैमान अदेवाले और ओलु वाटोसिंन ने यह प्रशिक्षण प्राप्त किया।
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने शनिवार को बताया कि नाइजीरिया के इंस्टिट्यूट के इन शिक्षकों को शुगर प्रोसेसिंग की विभिन्न तकनीकों, बिजली के सह उत्पादन, ऑटोमेशन, उपकरणों की डिजाइन, ऊर्जा एवं जल सरंक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण एवं चीनी उत्पादन के विभिन्न पहलुओं पर सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक ज्ञान दिया गया। प्रो. मोहन ने बताया की संस्थान द्वारा क्लास रूम अध्यापन के अतिरिक्त व्यावहारिक प्रशिक्षण पर जोर देते हुए ट्रेनिंग की व्यवस्था संस्थान की प्रायोगिक चीनी मिल एवं एक कमर्शियल चीनी मिल मे भी की गयी।
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान को नाइजीरिया शुगर डेवलपमेंट कौंसिल द्वारा नाइजीरिया के शुगर मास्टर प्लान का ऑडिट करने के लिए भी आमंत्रित किया गया है जिसके लिए संस्थान का एक तकनिकी दल निदेशक के नेतृत्व में कोरोना की परिस्थितियां सामान्य होने पर नाइजीरिया जाएगा। ये दल नाइजीरिया में चीनी मिलों के विस्तारीकरण की स्थिति का आकलन एवं भविष्य के रोडमैप के बारे में अपनी रिपोर्ट देगा ताकि वह चीनी उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर सके। उल्लेखनीय है कि नाइजीरिया अपनी आवश्यकता का मात्र 03 प्रतिशत चीनी का उत्पादन करता है एवं प्रति वर्ष लगभग 16 लाख टन चीनी का आयात करता है।