काठमांडू, 15 जनवरी (हि.स.)। नेपाल में एक बार फिर भारत विरोधी आवाज उठी है। नेपाल की सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस ने उत्तराखंड के लिपुलेख में भारत द्वारा सड़क का चौड़ीकरण किए जाने पर सवाल उठाते हुए आपत्ति जाहिर की है। पार्टी ने भारत से कालापानी में मौजूद सेना हटाने की मांग भी की है।
इस आपत्ति के बाद दोनों देशों के संंबंधों में तनाव की उम्मीद जताई जा रही है। नेपाल पहले भी लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को लेकर भारत के साथ तनाव की स्थिति बना चुका है। वर्ष 2020 में नेपाल द्वारा जारी नए राजनीतिक नक्शे में इन इलाकों को नेपाल का हिस्सा दिखाए जाने पर भी विवाद हुआ था। दरअसल लिपुलेख से होकर ही तिब्बत स्थित मानसरोवर जाने का रास्ता है। भारत ने लिपुलेख इलाके में सीमा पर सड़क निर्माण किया था, तब भी नेपाल ने इस सड़क निर्माण पर विरोध दर्ज कराया था। पिछले महीने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिपुलेख की इस सड़क के चौड़ीकरण की घोषणा की थी। इस फैसले पर नेपाल की ओर से सरकार ने आधिकारिक रूप से तो कोई विरोध नहीं दर्ज कराया किन्तु सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस की ओर से विरोध के स्वर उठे हैं।
नेपाली कांग्रेस ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा कि सड़क चौड़ीकरण का भारत का फैसला आपत्तिजनक है। पार्टी ने भारत से इस इलाके से सेना हटाने की बात भी कही है। नेपाली कांग्रेस के बयान में एक बार फिर लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को नेपाल का हिस्सा बताया गया है। कहा गया है कि नेपाल को इन क्षेत्रों के प्रयोग का अधिकार होना चाहिए।