बैंकाक, 11 जनवरी (हि.स.)। कोरोना की दहशत से जूझ रही दुनिया के सामने अब अफ्रीकन स्वाइन फ्लू नई मुसीबत बनकर सामने आया है। इस बार मुसीबत की यह बयार थाइलैंड से आयी है। वहां के एक स्लॉटर हाउस में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू का नमूना मिला है। थाइलैंड ने इस बीमारी के पहले मामले की पुष्टि की है।
थाइलैंड की स्वास्थ्य सेवाओं के अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि नेखॉन पैठम प्रांत के एक स्लाटर हाउस से लिए गए एक नमूने में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। सुअरों में होने वाली इस बीमारी के प्रसार को लेकर पिछले एक सप्ताह से कयास लगाए जा रहे थे। 10 सुअर फॉर्म्स और दो स्लॉटर हाउस से लिए गए 309 नमूनों में से एक में यह बीमारी पाई गयी।
थाइलैंड के पशु विकास विभाग के महानिदेशक सोराविस थानेटो ने इस जानकारी के साथ बीमारी के स्रोत तक पहुंचने का वादा किया। जहां यह नमूना मिला है, उसके आसपास के पांच किलोमीटर के क्षेत्र को निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया जाएगा। इसकी जानकारी विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन को भी दी जाएगी। इससे पहले जर्मनी में जंगली सुअरों में ऐसे मामले सामने आए थे। भारत में भी मई 2020 में असम में अफ्रीकी स्वाइन फीवर के संक्रमण से 13 हजार से ज्यादा सुअरों की मौत हो गई थी।
क्या है अफ्रीकन स्वाइन फ्लू
वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ के अनुसार अफ्रीकन स्वाइन फ्लू एक गंभीर वायरल बीमारी है, जो घरेलू और जंगली सुअरों दोनों को प्रभावित करती है। यह जीवित या मृत सुअर या फिर सुअर के मांस से फैल सकती है। हालांकि यह बीमारी जानवरों से इंसानों में नहीं फैलती है।