पाकिस्तानी हरफनमौला खिलाड़ी मोहम्मद हफीज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास

नई दिल्ली, 3 जनवरी (हि.स.)। पाकिस्तान के हरफनमौला खिलाड़ी मोहम्मद हफीज ने अपने 18 साल से अधिक के करियर पर विराम लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। हालांकि, वह टी20 फ्रेंचाइजी क्रिकेट के लिए उपलब्ध रहेंगे।

वर्ष 2003 में जिम्बाब्वे के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले हफीज ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था, जिसमें उनकी टीम पिछले साल नवंबर में हार गई थी। उन्होंने शुरू में घोषणा की थी कि 2020 टी 20 विश्व कप उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा, लेकिन कोविड -19 के कारण टूर्नामेंट के स्थगित होने से उनका अंतरराष्ट्रीय कैरियर भी बढ़ गया। उन्होंने 55 टेस्ट, 218 एकदिवसीय और 119 टी-20 अंतरराष्ट्रीय खेलकर अपने करियर का अंत किया। उन्होंने सभी प्रारूपों में 12,780 रन बनाए और 253 विकेट लिए।

हफीज ने कहा, “आज मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को गर्व और संतोष के साथ अलविदा कहता हूं। वास्तव में, मैंने शुरुआत में जितना सोचा था, उससे कहीं अधिक अर्जित और हासिल किया है और इसके लिए, मैं अपने सभी साथी क्रिकेटरों, कप्तानों, सहयोगी स्टाफ और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का आभारी हूं जिन्होंने मेरे करियर के दौरान मेरी मदद की।”

उन्होंने कहा, “मैं बेहद भाग्यशाली और गौरवान्वित हूं कि मुझे 18 साल तक पाकिस्तान के प्रतीक के साथ राष्ट्रीय किट पहनने के योग्य माना गया। मेरा देश और मेरी टीम हमेशा मेरे सबसे आगे रहे हैं और इसलिए, हर बार जब मैंने मैदान पर कदम रखा, तो मैं क्रिकेट की भावना की समृद्ध परंपराओं के भीतर अपनी प्रोफ़ाइल और छवि को बढ़ाने की कोशिश की।”

उन्होंने कहा, “जब आपके पास एक पेशेवर करियर होता है, आप अपने हिस्से के उतार-चढ़ाव के लिए बाध्य होते हैं, और मैं अलग नहीं था। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मेरे पास अधिक ऊंचाइयां थीं, क्योंकि इस दौरान मैंने कुछ बेहतरीन टीमों और खिलाड़ियों के खिलाफ खेला।”

इससे पहले, हफीज ने दिसंबर 2018 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। बाद में उन्हें 2019 विश्व कप के बाद एकदिवसीय टीम से नजरअंदाज कर दिया गया। उनका आखिरी एकदिनी मैच बांग्लादेश के खिलाफ लॉर्ड्स में था।

हफीज ने टी20 विश्व कप में सबसे अधिक मैच खेला है। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को 2012 विश्व टी20 में सेमीफाइनल तक पहुंचाया। उन्होंने 2014 में टीम का नेतृत्व भी किया था जब पाकिस्तान की टीम ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई थी। टी-20 क्रिकेट में उनकी कप्तानी में पाकिस्तान को 29 मैचों में से 11 में हार और 18 मैचों में जीत मिली।

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