निष्पक्ष और कोविड से सावधान होकर चुनाव कराना हमारा लक्ष्य : सुशील चंद्रा

दिव्यांग, बुजुर्ग कर सकेंगे घर बैठे मतदान, एक घंटा बढ़ेगा पोलिंग टाइम

-प्रलोभन और मादक पदार्थों से रहित होगा विधानसभा चुनाव

-प्रदेश के 800 पोलिंग स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी, मतदानकर्मी होंगी सिर्फ महिला

लखनऊ, 30 दिसंबर (हि.स.)। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने गुरुवार को कहा कि आयोग निष्पक्ष और कोविड के खतरे से सावधान होकर चुनाव कराने को लेकर प्रतिबद्ध है और यही हमारा लक्ष्य भी है।

मुख्य चुनाव आयुक्त चंद्रा ने लखनऊ के योजना भवन में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि हमने बीते दिनों में सभी प्रमुख दलों के साथ बैठक की और उनकी बातों को सुना। सभी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, डीआईजी एवं पुलिस कमिश्नर से बात की और प्रदेश के सभी जिलों की कानून एवं व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। कोविड सेफ्टी के विषय में भी जानकारी ली गई। आयकर, जीएसटी, एक्साइज, बैंक और तमाम स्टेक होल्डर से भी बात की, क्योंकि हमारा लक्ष्य है कि 2022 का विधानसभा चुनाव प्रलोभन एवं मादक पदार्थों से रहित हो।

उन्होंने बताया कि राजनीति दलों के प्रतिनिधियों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय पर चुनाव कराने की मांग की है। कुछ दलों ने रैली में आ रही भीड़ को लेकर चिंता जाहिर की और रैलियों में आ रही भीड़ को नियंत्रित करने की मांग की है। इसके साथ ही कुछ दलों ने बायस्ड अधिकारियों के बारे में शिकायत की। अधिकतर दलों ने प्रचार-प्रसार के दौरान, धनबल, प्रलोभन और मतदाताओं को भय में लाने की भी शिकायत की।

जिनके नाम छूटे होंगे, शामिल करने के लिए देंगे ऑप्शन

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 15.02 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। मतदाता सूची बनने के बाद भी हम ऑप्शन देंगे कि जिनके नाम छूट गए हैं वो अपने नाम शामिल कर सकें। 2017 में 1000 पुरुष मतदाताओं पर 839 महिला मतदाता थीं। इस बार 1000 पुरुष मतदाताओं पर 868 मतदाता हैं। मतदाता सूची से जुड़ी शिकायत को अटेंड करने के लिए सभी डीएम और डीओ को आदेश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि 10 लाख, 64 हज़ार से अधिक दिव्यांग मतदाता हैं। उनकी सुविधा के लिए मतदान में इंतज़ाम किए जाएंगे। इतना ही नहीं 80 वर्ष से अधिक उम्र के दिव्यांग और कोविड पेशेंट मतदाताओं को उनके घर पर जाकर पोस्टल बैलेट का ऑप्शन देंगे। पारदर्शिता के लिए इस काम का वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराएंगे।

चंद्रा ने बताया कि पहले 1500 लोगों पर एक बूथ होता था। इस बार कोविड को देखते हुए 1250 लोगों पर बूथ बनाए जाएंगे, जिससे 11 हज़ार बूथ इस बार ज्यादा बनाए जाएंगे। 800 पोलिंग स्टेशन ऐसे होंगे, जहां सभी सुरक्षाकर्मी और मतदानकर्मी सिर्फ महिला होंगी।

मतदाता पहचान पत्र के अलावा 11 दस्तावेज मान्य

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदाता पहचान पत्र के अलावा 11 और दस्तावेज ऐसे होंगे जिन्हें पहचान पत्र की तरह इस्तेमाल करके वोट डाले जा सकेंगे। सभी बूथों पर ईवीएम और वीवीपीएटी पर लगाए जाएंगे। एक लाख 73 हज़ार मतदान स्थलों में से कम से एक लाख मतदान स्थल की वेब कास्टिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2017 में मतदान प्रतिशत 61 फीसदी था और 2019 में मतदान 59 फीसदी था। कम मतदान प्रतिशत से हम चिंतित हैं। कम मतदान वाले जिलों और तहसीलों को हमने चिन्हित किया है और वहां लोगों को जागरूक करने के लिए डीएम को आदेशित किया गया है।

पोलिंग ड्यूटी पर लगे सभी कर्मी होंगे वैक्सिनेटेड

अभी कोविड का नया खतरा पैदा हो गया है। 80 फीसदी से ज्यादा लोगों को पहली और दूसरी डोज 49 फीसदी लोगों को लग चुकी है। हमने आदेश दिया है कि वैक्सिनेशन की रफ्तार बढ़ाई जाए, जिससे 100 फीसदी लोगों को कम से कम पहली डोज लग ही जाए। मुझे बताया गया है कि यूपी में ओमिक्रोन कोई बड़ा खतरा नहीं है, अभी तक सिर्फ 4 केस सामने आए हैं, जो लोग पोलिंग ड्यूटी पर लगाए जाएंगे वो सभी वैक्सिनेटेड होंगे, जिनको जरूरत होगी उन्हें बूस्टर डोज भी दिए जाएंगे। चंद्रा ने बताया कि पोलिंग टाइम को एक घंटा बढ़ाया जाएगा। पूरे प्रदेश में, राज्य, जिला स्तर पर हेल्थ नोडल ऑफिसर तैनात किए जाएंगे। कानून व्यवस्था के प्रबंध के लिए डीजीपी, एसपी, डीआईजी से विस्तृत चर्चा हुई है और उन्हें बायस्ड ना होने और किसी का फेवर ना करने के आदेश दिए गए हैं।

तीन साल से जमे अधिकारियों का होगा तबादला

तीन साल से एक ही जगह पर जमे अधिकारियों का तबादला किया जाएगा और एक जनवरी, 2022 तक ये काम हो जाएगा। 14 आईपीएस और 39 पीपीएस का ट्रांसफर किया जा चुका है, सभी सीमा चौकियों पर सीसीटीवी से निगरानी रखी जाएगी।

पेड न्यूज पर होगी सख्ती

चंद्रा ने बताया कि पेड न्यूज पर सख्ती बरती जाएगी। आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को अपने ऊपर लगे आरोपों और धाराओं की जानकारी अखबार और टीवी के जरिए लोगों को देनी होगी। सियासी दलों को भी विज्ञापन देकर बताना होगा कि आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों का चयन उन्होंने क्यों किया है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के नेतृत्व में भारत निर्वाचन आयोग की टीम मंगलवार से ही प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूपचंद्र पांडेय ने बुधवार को दो सत्रों में प्रदेशभर के जिलाधिकारियों, जिला पुलिस प्रमुखों, पुलिस आयुक्तों, मंडलायुक्तों और पुलिस महानिरीक्षकों के साथ चुनाव के लिए अब तक हुई तैयारियों की समीक्षा के बाद गुरुवार को पत्रकारों को विस्तृत जानकारी दी।

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