जालोर, 13 दिसंबर (हि.स.)। जालोर जिले के किसानाें को अब रायड़ा, जीरा जैसी परपंरागत खेती से हटकर बागवानी में फायदे का सौदा दिख रहा है। यही कारण है कि बाड़मेर सीमा से सटे सायला इलाके के किसान अब परंपरागत खेती की बजाय रेतीले धोरे एवं उबड़ खाबड़ खेतों की मिट्टी में कृषि विशेषज्ञों से प्रेरित होकर अनार, खजूर एवं अंजीर की खेती कर रहे हैं। खासियत यह है कि सायला में इस बार 25 प्रतिशत रकबा बढ़कर 300 हेक्टेयर में अनार की खेती की गई हैं। यह अनार अब बांग्लादेश और दुबई तक पहुंच रहा है।इससे किसान डेढ़ गुना मुनाफा भी कमा रहे हैं।
सायला पटवारी परमेश्वरी देवी के अनुसार सायला की सरहद में करीबन 300 हेक्टेयर में अनार, 4 हेक्टेयर में मोडज्यूल किस्म की खजूर, पांच हेक्टेयर में कादरी के थाई एप्पल बेर के बागान बनाए गए है। ओटवाला एवं तूंरा ग्राम की सरहद में अंजीर की खेती तथा सायला के बावतरा, मोकणी, जीवाना, तालियाना, आकवा, दुदवा, भूंडवा, आलवाड़ा, दहीवा, सांगाना, तेजा की बेरी, लुंबा की ढाणी, आदि गांवों में अनार की बहुतायत में खेती होती है। अनार की सीजन शुरू होते ही महाराष्ट्र से व्यापारी अनार खरीदने यहां आते हैं। जो मंडी के अलावा बागानों पर जाकर सीधे काश्तकार से भी खरीद करते हैं। सायला के अलावा सांचौर क्षेत्र में कई हेक्टेयर में अनार की खेती की जा रही है। अनार की अच्छी पैदावार को देखते हुए बाहर के व्यापारियों ने जीवाणा गांव में अनार की मंडी खोल रखी है। इसका लाभ अनार उत्पादकों को मिलता है। व्यापारियों का कहना है कि अनार मंडी जीवाणा में 20 दिसंबर के बाद खरीद शुरू होगी। क्षेत्र में अनार की आवक शुरू हो गई है। सुराणा के किसान पदम सिंह राठौड़ कहते हैं कि उन्होंने अनार के पौधों को पाळे व बीमारी से बचाने के लिए सफेद मल्च से खेत ढंका हैं। उन्होंने खेत में 1122 अनार के पौधे लगा रखे हैं। जिले में गुणवत्ता वाली अनार की पैदावार हो रही है। इसकी मांग देश ही नहीं विदेशों में भी हाेने लगी है।
महाराष्ट्र के व्यापारी मुकिम भाई के अनुसार सायला क्षेत्र के अनार, यूपी, बिहार, झारखंड, कर्नाटका, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र के अलावा बांग्लादेश और दुबई में भी जा रहे हैं। सायला क्षेत्र का अनार छंटनी कर दुबई भेजा जाता है। जो प्रति किलो का भाव 400 रुपये तक बिकता है।
2021-12-13