चालू वित्तीय वर्ष 2021-2022 से उप्र में आत्म निर्भर कृषक समन्वित विकास योजना लागू किये जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी
लखनऊ, 3 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस संबंध में योगी कैबिनेट ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 से उप्र में आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना लागू करेगी। योजना को लागू किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके माध्यम किसान उद्यमी, किसान उत्पादक समूह (एफपीओ), सहकारी समिति, मंण्डी समितियों को छह प्रतिशत ब्याज दर पर दो करोड़ रुपये तक का बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इससे अधिक भी ऋण लिया जा सकेगा, लेकिन उसके लिए गारंटी देनी होगी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना के लागू होने से प्रदेश के करीब 50 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। प्रत्येक विकास खण्ड में आगामी तीन वर्ष में कुल 1475 कृषक उत्पादक संगठन का गठन राज्य बजट से किया जाएगा। इस पर करीब 12 हजार करोड़ रुपये के बजट का उपयोग किया जाएगा। इसके तहत कृषि अवसंरचनाओं का सतत विकास होगा।
केन्द्र सरकार 10 हजार एफपीओ के गठन के लक्ष्य के सापेक्ष प्रदेश में भारत सरकार की संस्थाओं नाबार्ड, नैफेड एसएफएसी तथा एनसीडीसी द्वारा प्रतिवर्ष 200 कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2031-32 तक परियोजना का क्रियान्वयन किए जाने के फलस्वरूप राज्य सरकार पर समेकित रूप से 1220.92 करोड़ रुपये का खर्च सम्भावित है।
इसके तहत उवित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में कम से कम एक कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। भारत सरकार के मानकों के समान राज्य सरकार के बजट से वित्तीय वर्ष 2021-22 में 225 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन, वर्ष 2022-23 में 625 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन तथा वर्ष 2023-24 में 625 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन किया जाना प्रस्तावित है।
इस प्रकार 1475 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन योजनान्तर्गत किया जाएगा। इस प्रयास से वित्तीय वर्ष 2023-24 के अन्त तक प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में न्यूनतम तीन फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनियां स्थापित हो जायेंगी। उक्त परियोजना अवधि में लगभग 634.25 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। इससे लगभग 14.75 लाख शेयर होल्डर किसानों को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा।
इस योजना के तहत विभिन्न क्षेत्रों में अधिक पैदावार वाली फसलों को चिह्नित करके किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद की जाएगी। एफपीओ को फसल की कटाई के बाद आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के विकास तथा उद्यम स्थापना के लिए भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। पोस्ट हार्वेस्ट अवस्थापना विकास के लिए पांच वर्ष में 1500 कृषक उत्पादक संगठनों को तथा निजी उद्यम स्थापना के लिए पांच हजार कृषक उद्यमियों को तीन प्रतिशत ब्याज की छूट पर सात वर्ष के लिए ऋण दिलाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा मंडी सरकार ने 27 मंडियों में किसानों के उपयोग से संबंधित अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर 140 करोड़ रुपये निवेश की योजना तैयार की है।
सहकारी संस्थाओं (पैक्स) को प्रोत्साहन 1500 पैक्स को एक मुश्त 60 करोड़ रुपये मार्जिन मनी सहायता प्रदान किए जाने का प्रस्ताव है। फलस्वरूप सम्बन्धित समस्त पैक्स को एक प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर कृषि अवस्थापना सृजन के लिए संकलित रूप से 240 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध होगा। इससे लगभग 1500 प्रत्यक्ष 3000 अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन के साथ-साथ लगभग 22.50 लाख कृषकों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।