हरमोहन सिंह की सादगी व सेवाभाव को देख जन्मशताब्दी समारोह में आना स्वीकारा : रामनाथ कोविंद

समाज के प्रति सेवाभाव को देखते हुए हरमोहन सिंह को मिला शौर्य चक्र

कानपुर, 24 नवम्बर (हि.स.)। मैं हरमोहन सिंह जी की सादगी और उनके समाज सुधार के कामों से परिचित रहा हूं। राज्यसभा में भी मैं उनके साथ रहा हूं। कानपुर की बात आती है तो परिवार की बात होती है। इसलिए मैंने यहां आना स्वीकार किया। यह बातें बुधवार को दो दिवसीय कानपुर दौरे पर आए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हरमोहन सिंह के जन्मशताब्दी समारोह में मंच से कही।

उन्होंने कहा कि हरमोहन सिंह जी के जन्मशताब्दी समारोह के बारे में मुझे सुखराम यादव ने बताया। इसके लिए उन्होंने ही मुझे आमंत्रित किया। इसलिए मैंने यहां आना स्वीकार किया। कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति ने मंच से कहा कि पहले भी मैं जब सांसद था, तब मैंने यहां का विकास देखा है। विधानसभा से लेकर राज्यसभा तक चौधरी साहब के विचारों को गंभीरता से सुना जाता था। अपनी जान जोखिम में डालकर भी उन्होंने लोगों की रक्षा की। उनके समाज के प्रति इसी सेवाभाव को देखते हुए 1991 में उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।

उल्लेखनीय है कि, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिवसीय उत्तर प्रदेश के दौरे के चलते वह बुधवार को कानपुर पहुंचे। चकेरी के सिविल एयरोड्रम पर उनका विशेष विमान उतारने के बाद राज्यपाल आंनदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।

राष्ट्रपति यहां से मेहरबान सिंह पुरवा गांव पहुंचे और समाजवादी पार्टी के नेता हरमोहन सिंह यादव के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति के साथ मंच पर राज्यपाल मौजूद रहीं, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगवानी कर कानपुर से रवाना हो गए।

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