भारतीय वायु सेना ने ठीक 50 साल पहले मार गिराए थे दो पाकिस्तानी सेबर जेट
- पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश के रूप में नया राष्ट्र बनाने की आज ही पड़ी थी नींव
नई दिल्ली, 22 नवम्बर (हि.स.)। बांग्लादेश का जन्म भले ही पाकिस्तान के साथ युद्ध में मिली जीत के बाद 16 दिसंबर 1971 को हुआ था लेकिन इस नए राष्ट्र के बनने की नींव आज ही के दिन पड़ी थी। पूर्वी पाकिस्तान को अलग करने के लिए 22 नवंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच जंग की आहट शुरू हुई थी। आज से 50 साल पहले पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में बोयरा के आसमान पर एक संक्षिप्त लड़ाई में भारतीय वायु सेना के पायलटों ने दो पाकिस्तानी सेबर जेट को मार गिराकर इतिहास रच दिया था।
भारत से अलग होने के 24 साल बाद पूर्वी पाकिस्तान में आम जनता पर इस कदर क्रूरता, हिंसा और अत्याचार बढ़ गया था। हालात इतने बुरे थे कि पाकिस्तानी सेना ने वहां के लोगों का सांस लेना दूभर कर दिया था। इस बीच 22 नवंबर को भारतीय वायुसेना के पायलटों की पूर्वी पाकिस्तान में पड़ने वाले बोयरा के आसमान में दो पाकिस्तानी सेबर जेट से भिड़ंत हो गई। इस संक्षिप्त हवाई लड़ाई में भारत के पायलटों ने दोनों हवाई जहाजों को मार गिराकर दो पाकिस्तानी पायलटों को बंदी बना लिया। इसी के साथ भारत और पाकिस्तान के बीच जंग की आहट शुरू हो गई। हालांकि 1971 में युद्ध की औपचारिक घोषणा होना बाकी थी लेकिन हवाई झड़पें शुरू हो चुकी थीं।
इसी बोयरा (अब बांग्लादेश में) की लड़ाई को आज भी याद किया जाता है क्योंकि भारतीय वायुसेना ने 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। दरअसल वायुसेना को राडार के माध्यम से सुबह 8 बजकर 11 मिनट पर पूर्वी पाकिस्तान की ओर से हवाई हरकत होने की जानकारी मिली। इस पर कोलकाता के दमदम हवाई अड्डे से वायुसेना के चार विमानों ने उड़ान भरी और पूर्वी पाकिस्तान के आसमान में गश्त शुरू की लेकिन अगले दो घंटे तक राडार में कोई हरकत नहीं दिखी। 10 बजकर 28 मिनट पर पाकिस्तान की ओर से हवाई हलचल दिखी लेकिन वायुसेना ने अगले चार घंटे तक राडार पर नजरें गड़ाकर रखीं। दोपहर 2 बजकर 48 मिनट पर तीन विमान उत्तर-पश्चिम दिशा से करीब 2000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरकर भारतीय सीमा की ओर आते दिखे।
इसी दिन दोपहर के समय चार पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट ने भारतीय इलाकों पर फायरिंग की। इस पर सतर्क वायुसेना के चार और विमानों ने कोलकाता के दमदम हवाई अड्डे से उड़ान भरी और बोयरा के आसमान पर एक संक्षिप्त लड़ाई में भारतीय वायु सेना के पायलटों ने दो पाकिस्तानी सेबर जेट को मार गिराकर दोनों पाकिस्तानी पायलटों को बंदी बना लिया जिसमें एक पायलट बाद में पाकिस्तानी वायुसेना का अध्यक्ष भी बना। चूंकि युद्ध की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई थी, इसलिए भारत ने इस लड़ाई को आगे नहीं बढ़ाया लेकिन इसी के बाद हवाई झड़पें शुरू होने से जंग की आहट हो चुकी थीं।
इसके बाद आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान के साथ 3 दिसंबर 1971 को युद्ध की शुरुआत हुई। तब भारतीय वायुसेना के श्रीनगर, अमृतसर और पठानकोट बेसों पर पाकिस्तानी वायुसेना ने हमला बोल दिया था। इतना ही नहीं पाकिस्तान सेना ने अंबाला, आगरा, जोधपुर, उत्तरलई, अवंतीपोरा, फरीदकोट, हलवाड़ा और सिरसा पर भी ताबड़तोड़ हमले किए। पाकिस्तान सेना को रौंदने के लिए भारतीय वायुसेना ने भी पाकिस्तानी बेसों पर अटैक किये। महज 13 दिन चले युद्ध में पाकिस्तान ने अपनी एक तिहाई थलसेना, आधी नौसेना और एक चौथाई वायुसेना को गंवा दिया था। 16 दिसंबर 1971 को ढाका में आत्मसमर्पण के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के बाद पूर्वी पाकिस्तान का अस्तित्व समाप्त हो गया और बांग्लादेश का जन्म हुआ।