अगरतला, 16 नवम्बर (हि.स.)। त्रिपुरा सरकार ने हवाई जहाज के ईंधन एटीएफ के टैक्स में 15 फीसदी की कटौती की है। अब राज्य में एटीएफ पर मात्र एक प्रतिशत टैक्स वसूला जाएगा। त्रिपुरा के इतिहास में यह पहली बार है कि हवाई जहाज के ईंधन पर टैक्स में बड़े पैमाने पर कमी की गई है। इस संदर्भ में सूचना एवं संस्कृति मंत्री सुशांत चौधरी ने दावा किया कि हवाई जहाज के फ्यूल टैक्स में कटौती के फैसले से त्रिपुरा में विमानों की संख्या काफी बढ़ जाएगी। उन्होंने दावा किया कि त्रिपुरा सरकार के फैसले से हवाई यात्रा पहले से सस्ती हो जाएगी।
त्रिपुरा में हवाई जहाज के ईंधन पर फिलहाल टैक्स की दर 16 प्रतिशत है। पहले टैक्स दर और ज्यादा थी। 2018 में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन सरकार बनने के बाद इसे 18 फीसदी से घटाकर 16 फीसदी कर दिया गया था। आज सूचना मंत्री ने कहा कि विभिन्न एयरलाइन सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ ईंधन भी खरीदती हैं। इस मामले में एयरलाइंस उन राज्यों से अधिक तेल खरीदती हैं जिनके यहां ईंधन टैक्स कम है। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में एटीएफ पर टैक्स की दर 25 प्रतिशत और असम में 23.65 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने त्रिपुरा में हवाई सेवाओं के और ज्यादा विस्तार के लिए ईंधन पर टैक्स की दर को कम करने का फैसला लिया है। इसलिए आज कैबिनेट ने एटीएफ पर टैक्स की दर को 16 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत करने को मंजूरी दी है। उन्होंने दावा किया कि अब से त्रिपुरा में पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की तुलना में हवाई जहाज के ईंधन की कीमत सबसे कम होगी।
त्रिपुरा के सूचना एवं संस्कृति मंत्री सुशांत चौधरी ने कहा कि त्रिपुरा सरकार के इस निर्णय से प्रति वर्ष 1.67 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। अब तक एटीएफ से सालाना आमदनी 1.78 करोड़ रुपये होती थी। उन्होंने कहा कि एटीएफ टैक्स में कमी के साथ कई एयरलाइंस अब त्रिपुरा में सेवाएं प्रदान करने के लिए आगे आएंगी। एयरलाइंस सेवाएं प्रदान करने के बदले में कम कीमत पर तेल खरीदेंगी। इससे कोलकाता और गुवाहाटी के लिए उड़ानों की संख्या में वृद्धि होगी। इससे त्रिपुरा के यात्रियों को स्वाभाविक रूप से फायदा होगा।