रक्षा सचिव ने ‘फोर्स इन स्टेटक्राफ्ट’ पुस्तक का विमोचन किया

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की वैचारिक समझ और पहलुओं का खजाना है पुस्तक

  • एनडीसी की इस पहल से मिलेगा व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा करने का मौका

नई दिल्ली, 13 नवम्बर (हि.स.)। भारत के रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने शनिवार को नई दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) के कमांडेंट एयर मार्शल दीप्तेंदु चौधरी और एनडीसी में प्रेसिडेंट्स चेयर ऑफ एक्सलेंस एयर वाइस मार्शल (डॉ.) अर्जुन सुब्रमण्यम (सेवानिवृत्त) की पुस्तक ‘फोर्स इन स्टेटक्राफ्ट’ का विमोचन किया। यह पुस्तक आतंकवाद विरोधी अभियानों, पूर्वोत्तर में संघर्ष, वायु शक्ति, परमाणु स्थिति जैसे विषयों पर निबंधों का एक संकलन है, जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की वैचारिक समझ और पहलुओं के बारे में जानकारी देती है।

उन्होंने कहा कि पुस्तक में योगदान देने वाले सभी व्यक्ति सशस्त्र बलों के शूरवीर रहे हैं, जिनकी विशाल परिचालनगत अनुभव और सशस्त्र बलों के प्रयोग के महत्वपूर्ण आधारों की बारीक समझ रही है। चूंकि राष्ट्रीय सुरक्षा प्रत्येक नागरिक को प्रभावित करती है, इसलिए शासन में बलों के उपकरणों की अधिक परिष्कृत और महीन समझ की लंबे समय से आवश्यकता रही है, जिस अंतराल को यह पुस्तक पाट सकती है। इस पुस्तक से यह भी सीखा जा सकता है कि किस प्रकार उनका वर्तमान और भविष्य के परिदृश्यों में सर्वश्रेष्ठ तरीके से उपयोग किया जा सकता है।

अपने संबोधन में रक्षा सचिव ने एनडीसी के कमांडेंट एयर मार्शल दीप्तेंदु चौधरी तथा एनडीसी में प्रेसिडेंट्स चीयर ऑफ एक्सीलेंस एयर वाइस मार्शल (डॉ.) अर्जुन सुब्रमण्यम (सेवानिवृत्त) की इतने कम समय में कई विख्यात लेखकों के विचारों को एकत्रित करने तथा उन्हें एक पुस्तक के रूप में संकलित करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस पुस्तक के विमोचन को एनडीसी के नेतृत्व का कदम करार दिया और देशभर में इसी प्रकार के विचार मंचों और प्रशिक्षण संस्थानों से शासन की तेजी से उभरती प्रकृति की समझ उपलब्ध कराने के लिए ऐसी पहलों के साथ सामने आने की अपील की।

उन्होंने कहा कि एनडीसी की तरफ से की गई यह पहली पहल व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा चर्चा का मौका देती है। यह शैक्षणिक प्रयास बेहतर नीतियों, रणनीतियों और सिद्धांतों के प्रसार के बारे में बेहतर विचारों को जन्म देगा। यह पुस्तक राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न कार्य क्षेत्रों के सभी स्तरों पर नीति-निर्माताओं, व्यवस्थापकों, राजनयिकों, शिक्षाविदों, नेतृत्व के लिए नियमबद्ध तरीके से कार्य करने को भी प्रेरित करेगी। इस पुस्तक का समर्थन जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल एनएन वोहरा, विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के निदेशक तथा पूर्व उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. अरविंद गुप्ता, लंदन के किंग्स कॉलेज के अंतरराष्ट्रीय संबंध के प्रोफेसर तथा नई दिल्ली स्थित ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अनुसंधान के निदेशक डॉ. हर्ष वी. पंत तथा जेएनयू के प्रो. राजेश राजगोपालन जैसे विख्यात व्यक्तियों ने किया है।

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