कोलकाता, 29 जून (हि.स.)। फर्जी आईएएस अधिकारी के कोलकाता में गैरकानूनी तरीके से टीकाकरण कैंप आयोजित करने की घटना को केंद्र सरकार ने भी संज्ञान लिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इसकी जांच शुरू कर दी है।
जानकारी मिली है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने कोलकाता पुलिस को ईमेल भेजकर टीकाकरण की जांच से संबंधित सारे दस्तावेज मांगे हैं। देवांजन देव का नकली वैक्सीन कैंप का कारोबार कहां तक फैला था?, इसमें कौन-कौन लोग शामिल थे? वित्तीय लेनदेन कैसे होता था? ईडी पूरी मामले की जांच कर रही है। ईडी के अधिकारियों ने कोलकाता पुलिस से जानना चाहा है कि देवांजन देव के खिलाफ अब तक कितनी एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। लालबाजार से एफआईआर की कॉपी और वित्तीय लेनदेन की जानकारी भी मांगी गई है। जानकारी मिली है कि देवांजन ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों की हेरफेर की है। कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (आईपीएस) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि उसके पास काम करने वाले 12 लोगों से पूछताछ की गई है। सभी ने बताया है कि नौकरी के नाम पर देव ने सभी से रुपये लिए थे और बाद में अपने पास ही नौकरी पर रख लिया था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में उसने अपने विभिन्न खाते में दो करोड़ से ज्यादा रुपये का लेनदेन कर चुका है। इसके अलावा फर्जी दस्तावेजों के जरिए उसने 20 लाख रुपये का लोन भी आईसीआईसीआई बैंक से लिया है।
2021-06-29