नई दिल्ली, 11 जून (हि.स.)। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। जून महीने में सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने गुरुवार को एक दिन की राहत के बाद अगले दिन आज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में फिर बढ़ोतरी कर दी। इस तरह से जून के महीने के शुरुआती 11 दिनों में अभी तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में छह बार बढ़ोतरी की जा चुकी है। इस बढ़ोतरी के बाद देश भर के अलग अलग राज्यों में वैट की दर के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 21 से 30 पैसे प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी हो गई है।
आज की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इस साल यानी 2021 में अभी तक 48 बार बढ़ोतरी की जा चुकी है। इसकी वजह से पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 11.88 रुपये और डीजल की कीमत में अभी तक प्रति लीटर 12.63 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। आज की बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 95.85 रुपये हो गई है, वहीं डीजल की कीमत बढ़कर 86.75 रुपये हो गई है। जून के महीने के 11 दिनों में ही दिल्ली में अभी तक पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 1.62 रुपये की ओर डीजल की कीमत में प्रति लीटर 1.60 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।
इसके पहले मई के महीने में भी 4 मई से कुल 16 बार पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ाई गई थी। इस कारण मई के महीने में पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 3.83 रुपये और डीजल की कीमत में प्रति लीटर 4.42 रुपये की बढ़ोतरी हो गई थी। इस तरह से सिर्फ 4 मई से लेकर आज 11 जून तक के 39 दिनों में ही राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में प्रति लीटर 5.45 रुपये की और डीजल की कीमत में प्रति लीटर 6.02 रुपये तक की बढ़ोतरी हो चुकी है।
पेट्रोल और डीजल की कीमत में आज की गई बढ़ोतरी के बाद मुंबई में पेट्रोल 102 रुपये और डीजल 94 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गया है। आज मुंबई में पेट्रोल 102.04 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। जबकि डीजल 94.15 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर आ गया है। इसी तरह चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 97.19 रुपये और डीजल 91.42रुपये प्रति लीटर हो गई है।
आज की बढ़ोतरी के बाद कोलकाता में पेट्रोल 95.80 रुपये की दर पर और डीजल 89.60 रुपये प्रति लीटर की दर पर बिक रहा है। बेंगलुरु में आज पेट्रोल 99 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गया, जबकि डीजल 92 रुपये के स्तर के काफी करीब पहुंच गया। आज बेंगलुरु में पेट्रोल 99.05 रुपये और डीजल 91.97 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। इसी तरह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी पेट्रोल 104 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गया है। आज भोपाल में पेट्रोल की कीमत 104.01रुपये के भाव पर पहुंच गई है, वहीं डीजल 95.35 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर बिक रहा है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पेट्रोल की कीमत 93 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार करके 93.09 रुपये हो गई है। जबकि डीजल आज की बढ़ोतरी के बाद 87 रुपये का स्तर पार करके 87.15 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गया है। इसी तरह बिहार की राजधानी पटना में पेट्रोल आज 97.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92 रुपये का स्तर पार करके 92.05 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। झारखंड की राजधानी रांची में भी पेट्रोल ने 92 रुपये के स्तर को पीछे छोड़ दिया है। आज यहां पेट्रोल महंगा होकर 92.08 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.58 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में पेट्रोल आज की बढ़ोतरी के बाद 102.44 रुपये प्रति लीटर के भाव पर पहुंच गया है, वहीं डीजल 95.67 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है। पेट्रोल और डीजल की कीमत में हुई इस बढ़ोतरी के बाद राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल 107 रुपये प्रति लीटर और डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के काफी करीब पहुंच गया है। आज यहां पेट्रोल 106.95 रुपये और डीजल 99.81 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा है।
इसी तरह मध्य प्रदेश के अनूपपुर में भी पेट्रोल 106.91 रुपये प्रति लीटर के भाव पर पहुंच गया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के रीवा में पेट्रोल 106.23 रुपये और बालाघाट में पेट्रोल106.19 रुपये के भाव पर बिक रहा है। आज की बढ़ोतरी के बाद साल 2021 में राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में अभी तक प्रति लीटर 11.88 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। वहीं डीजल की कीमत में भी इस साल अभी तक प्रति लीटर 12.63 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। इस साल एक जनवरी को राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 83.97 रुपये प्रति लीटर थी, जो अब 11.88 रुपये की छलांग के साथ आज 95.85 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह एक जनवरी को राजधानी दिल्ली में डीजल की कीमत 74.12 रुपये प्रति लीटर थी जो अब 12.63 रुपये की तेजी के साथ 86.75 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां इस साल अभी तक 48 बार पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी कर चुकी हैं। वहीं इसकी कीमत में सिर्फ चार बार मामूली कटौती की गई है। सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने जनवरी के महीने में 10 बार, फरवरी के महीने में 16 बार, मई के महीने में भी 16 बार और अब जून के महीने में अभी तक 6 बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की है। वहीं मार्च में तीन बार और अप्रैल में एक बार पेट्रोल व डीजल की कीमत में मामूली कमी की गई थी।
आपको बता दें कि 27 फरवरी को पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ोतरी करने के बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने के बावजूद 65 दिन तक कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। इस दौरान मार्च और अप्रैल को मिलाकर चार बार पेट्रोल डीजल की कीमत में कटौती ही की गई। फिर 27 फरवरी के 66 दिन बाद 4 मई को पेट्रोल और डीजल की कीमत में साल की 27वीं बढ़ोतरी की गई। अब 4 मई से लेकर आज तक के 39 दिन में सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां 22 बार डीजल और पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी कर चुकी हैं।
जानकारों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल (कच्चा तेल) की कीमत में लगातार बढ़ोतरी होने के कारण ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को मार्च और अप्रैल में काफी नुकसान हो चुका है। इसके बाद मई और जून में भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी होती रही है, इस वजह से भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कीमत में भी लगातार आग लगी हुई है। इस साल फरवरी के महीने में अंतरराष्ट्रीय बाजार में 61 डॉलर प्रति बैरल की कीमत पर बिक रहा कच्चा तेल (क्रूड ऑयल) आज 72 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच कर कारोबार कर रहा है। हालांकि कच्चे तेल की कीमत में कल की तुलना में आज 0.18 डॉलर प्रति बैरल की नरमी आई है और आज ये 72.31 डॉलर प्रति बैरल की कीमत पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कारोबार कर रहा है। इसके बावजूद भारत की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का अभी तक नुकसान इतना अधिक हो चुका है कि उनके लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में कमजोरी आने के बाद भी पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। पेट्रोल और डीजल की कीमत में लगातार हो रही बढ़ोतरी की एकमात्र वजह ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को अभी तक हो चुका नुकसान ही है, जो घटने की जगह बढ़ता ही जा रहा है।
भूमिदेव कमोडिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुराग राय का कहना है कि पिछले डेढ़ से दो महीने के दौरान दुनिया भर में कोरोना के संक्रमण पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। इसके कारण कई देशों में आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ने लगी हैं। विकसित देशों समेत कई देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से खोल दी है। इस वजह से दुनिया भर में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत लगातार बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद ओपेक और उसके सहयोगी देश कच्चे तेल के उत्पादन में फिलहाल बढ़ोतरी करने के लिए तैयार नहीं हैं।
अनुराग राय के मुताबिक ओपेक और उसके सहयोगी देशों के इसी हठी रवैये के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेलों की कीमत बढ़ती जा रही है। ऐसे में अगर जल्दी ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत में कमी नहीं आती है, तो अपनी जरूरत के लिए आयात पर निर्भर करने वाले भारत जैसे देशों में उपभोक्ताओं को आने वाले दिनों में भी पेट्रोल और डीजल के लिए भारी भरकम कीमत चुकाने के लिए तैयार रहना होगा।
2021-06-11